Follow us on
Thursday, April 25, 2024
Editorial

जल जीवन मिशन : पानी के जरिये एक सामाजिक क्रांति - रतन लाल कटारिया

February 07, 2021 07:32 AM
Jagmarg News Bureau

मैं हरियाणा के एक छोटे से गाँव में पला-बढ़ा। एक गरीब दलित परिवार से ताल्लुपक, गरीबी और बहिष्कार का ही केवल जीवन में सामना किया था। मेरे माता-पिता की दिनचर्या अपने परिवार के लिए 2 वक्तस के भोजन की व्य वस्था करना था। मेरे पिता  जूता बनाने का काम करते थे, जबकि मेरी माँ एक दिहाड़ी मजदूर के रूप में मेहनत करती थी। मुझे उसकी कठिन परीक्षा याद है जब, वह हर दिन बिना थके केवल पीने का पानी लेने के लिए, निर्दिष्ट कुएं तक जाती थी। अपने बच्चों के लिए पीने का पानी सुरक्षित करने के उसके संकल्प ने उसे इस प्रक्रिया में सामने आने वाली सभी शारीरिक और सामाजिक कठिनाइयों का दृढ़ता से सामना करने का साहस दिया।

बाद में जीवन में, मैं सौभाग्यशाली था कि हमारे गाँव में पाइपलाइनकनेक्शनदेखे गए, लेकिन इस बार जाति-वर्ग के आधार परप्रतिष्ठित लाभार्थियों का चयन  किया गया। गरीब और अधिकारहीन लोगों को एक बार फिर पीने के साफ पानी के अपने मूल अधिकार से वंचित कर दिया गया। कई वर्ष बीत गए और वर्ष 2019 तक, हम एक राष्ट्र के रूप में, कुल 18.93 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से केवल 3.23 करोड़ ग्रामीण परिवारों को पाइपलाइन के जरिये पानी की आपूर्ति प्रदान कर सके।

लेकिन, स्वतंत्रता के 72 वर्षों के बाद 2019 में लाल किले की प्राचीर से हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रन मोदी ने सरकारों के फ्लैगशिप कार्यक्रम "जल जीवन मिशन" के तहत हर ग्रामीण परिवार को पाइपलाइन के रास्ते  पानी का कनेक्शन देने के अपने संकल्प की घोषणा की। उस ऐतिहासिक क्षण के दौरान मैं लाल किले में उपस्थित था, मेरा अतीत मेरी आँखों के सामने छा गया। मुझे याद आया कि किस प्रकार से मेरी बहिन का कन्याकदान करने के लिए मेरे गाँव की यात्रा के दौरानस्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने पाइपलाइनके जरिये पानी के कनेक्शन को प्रत्येक परिवार  के लिए सम्माबनित जीवन के वाहक के रूप में वर्णन किया था। उस क्षण, मैं अपने आप को नवगठित जल शक्ति मंत्रालय में सेवा करने के लिए भाग्यशाली मानता था और "जल जीवन मिशन" को भगवान द्वारा भेजे गए अवसर के रूप में देखता था। प्रत्येक दिन, हमारे प्रधानमंत्री के गतिशील नेतृत्व में पूरी टीम इस अभूतपूर्व कार्य को पूरा करने के लिए अथक प्रयास कर रही है।

मैं गर्व से घोषणा कर सकता हूं कि 1 वर्ष की अल्प अवधि में, 3.04 करोड़ परिवारों को पाइपलाइन के जरिये पानी के कनेक्श न प्रदान किए हैं जबकि आजादी के बाद से 3.23 करोड़ परिवारों को पानी के कनेक्शन उपलब्ध कराए गए। गोवा ऐसे पहले राज्यब के रूप में उभरा जिसने जल जीवन मिशन के अंतर्गत 100 प्रतिशत कवरेज हासिल की और आज तक, 52 जिलों, 660 ब्लॉकों, 39,317 ग्राम पंचायतों और 73890 गांवों ने “हर घर जल” के लक्ष्य को हासिल कर लिया है।

ग्रामीण परिवारों के लिए जल जीवन मिशन के आशाजनक परिणामों से उत्साहित होकर, भारत सरकार ने बजट 2021 में, जल जीवन मिशन (शहरी) शुरू करने की ऐतिहासिक घोषणा की, जिससे 4,378 शहरी स्थानीय निकायों में फैले 2.68 करोड़ शहरी परिवारों को पाइपलाइन के रास्तेस पीने योग्य पानी की आपूर्ति की जाएगी जिस पर 5 साल की अवधि में 2.87 लाख करोड़ रुपये का कुल खर्च आएगा। इस मिशन के दूरगामी लाभ शायद अनुमान से परे हैं।

हालाँकि, कुछ और महत्वपूर्ण है जो इस मिशन के निहितार्थ के रूप में हो रहा है।

सभी को पानी का कनेक्शन प्रदान किया जा रहा है चाहे उसकी जाति, समुदाय, धर्म, वंश आदि कोई भी हो। इसके लिए यही दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है - "कोई भी पीछे नहीं छूटे"। बहुसंख्यभक अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति की आबादी वाले गांवों को प्राथमिकता दी जा रही है जहां प्रति व्यक्ति 55 एलपीसीडी पानी देने का लक्ष्यप रखा गया है। इस तरह के धर्मनिरपेक्षतापूर्ण और समावेशी दृष्टिकोण का लाभ मुख्यज रूप से पिछड़ी जातियों के लोगों को मिल रहा है और यह सामाजिक क्रांति साबित हो रही है।

मिशन एक बेजोड़ पैमाने पर जल आपूर्ति के बुनियादी ढांचे के प्रावधान को अनिवार्य करता है। इसके लिए कुशल जनशक्ति जैसे नलसाज (प्लम्ब र), राजमिस्त्री, इलेक्ट्रीशियन, फिटर, पंप ऑपरेटर आदि की आवश्यकता होती है, जिसे संबंधित गांवों के लोगों को कौशल प्रदान करके पूरा किया जा सकता है, ताकि कुशल रोजगार के लिए यथावत योजना बनाई जा सके।

संपूर्ण मिशन विशिष्टत तरीके से शुरू होकर सामान्य  की ओर जाता है। इसके लिए ग्रामीण जलापूर्ति समितियों / पानी समितियों के गठन की आवश्यकता है जो अपने लिए एक ग्राम कार्य योजना तैयार कर सके। दिलचस्प बात यह है कि इन समितियों में 50% महिला सदस्यों का होना अनिवार्य है, क्योंकि महिलाएं सबसे अधिक प्रभावित समूह हैं और इसलिए मिशन के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए उनकी बात को एक महत्वपूर्ण इनपुट के रूप में देखा जाता है।

अन्त में, सूचना प्रौद्योगिकी को पानी के राष्ट्रटव्याेपी आंकड़ों कामिलान करने और वास्तकविक समय दिखाने के लिए एक पोर्टल www.ejalshakti.gov.in पर उत्तो‍लन शक्ति दी गई है। एक राष्ट्रीय जल जीवन कोष (आरजेजेके) की स्थापना उन लोगों के योगदान को स्वीकार करने के लिए की गई है जो गाँवों से आये हैं, लेकिन फिर भी अपने मूल स्थान से प्रेम करते हैं। जल्द ही, वे इस पोर्टल के माध्यम से पानी समिति के सदस्यों के साथ बातचीत करके विशिष्ट जलापूर्ति संबंधी कार्यों के लिए एक माउस क्लिक करने पर दान कर सकेंगे।

इसलिए, जल जीवन मिशन केवल एक योजना नहीं है जिसके परिणाम केवल प्रदान किए गए कनेक्शनों तक ही सीमित हैं, बल्कि यह लोगों की भागीदारी, सशक्तिकरण, समायोजन, समावेश और इक्विटी के जरिये सामाजिक क्रांति को आगे ले जाना है।

 

 
Have something to say? Post your comment
More Editorial News
1896 में हुई थी आधुनिक ओलम्पिक खेलों की शुरूआत - योगेश कुमार गोयल बालश्रम: 20 वर्ष बाद भी नहीं सुधरे हालात - योगेश कुमार गोयल आग उगलती धरती: दोषी प्रकृति या हम? - योगेश कुमार गोयल हिन्द की चादर गुरू तेग बहादुर - योगेश कुमार गोयल सरपंच पति, पार्षद पति का मिथक तोडती महिलाएं - डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा वतन के लिए त्याग और बलिदान की मिसाल थे भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू - योगेश कुमार गोयल जीरो बजट प्राकृतिक खेती भारत की खाद्य सुरक्षा के लिए खतरा, अब MSP गारंटी कानून से टिकाऊ खेती प्रोत्साहन है समाधान - डा वीरेन्द्र सिंह लाठर हरित ऊर्जा क्रांति अब एक विकल्प नहीं मजबूरी है - नरविजय यादव मातृभाषाओं को बनाएं शिक्षा का माध्यम - अरुण कुमार कैहरबा जिंदगी में चलना सीख लिया तो चलती रहेगी जिंदगी - नरविजय यादव