नयी दिल्ली - (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिख कर केंद्र सरकार की नयी टीकाकरण नीति की आलोचना की और इसे जिम्मेदारियों से बचने का ‘‘खोखला, अवास्तविक और अफसोसनाक दिखावा’’ करार दिया। केंद्र सरकार ने सोमवार को 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को पहली मई से कोविड-19 रोधी टीके लगाये जाने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया।
इसके तहत वैक्सीन निर्माता मासिक उत्पादन की 50 प्रतिशत आपूर्ति केन्द्र सरकार को करेंगे तथा बाकी 50 प्रतिशत वैक्सीन की आपूर्ति वह राज्यों और खुले बाजार में कर सकेंगे। ममता बनर्जी ने पत्र में लिखा, ‘‘मुझे सूचना मिली है कि केंद्र सरकार ने सार्वभौमिक टीकाकरण नीति को 19 अप्रैल को मंजूरी दी है जो संकट के इस समय में जिम्मेदारियों से बचने का केंद्र सरकार का खोखला, अवास्तविक और अफसोसनाक दिखावा है।’’
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को यह भी याद दिलाया कि उन्होंने 24 फरवरी को पश्चिम बंगाल को अपने संसाधनों से टीके खरीदने की अनुमति देने के लिए हस्तक्षेप करने के बाबत एक पत्र उन्हें लिखा था ताकि राज्य के लोगों का मुफ्त टीकाकरण किया जा सके।
उन्होंने कहा, ‘‘इसका आपकी ओर से कोई जवाब नहीं आया। अब जबकि दूसरी लहर में मामले इतनी तेजी से बढ़ रहे हैं तो केंद्र सरकार लोगों के लिए टीके उपलब्ध कराने की अपनी जिम्मेवारी से पीछे भाग रही है। उन्होंने ध्यान दिलाया कि सोमवार को इस सिलसिले में लिए गए निर्णय में टीकों की गुणवत्ता, उसकी प्रभावोत्पादकता, खुराकों की निर्माताओं द्वारा आवश्यक आपूर्ति और उनकी कीमतों के संदर्भ में स्पष्टता नहीं है।
उन्होंने आशंका जताई कि केंद्र की इस नीति से टीकों की कीमतें बाजार मूल्य पर निर्धारित होंगी इससे आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। उन्होंने कहा, ‘‘इससे टीकों की आपूर्ति भी बहुत अनियमित हो जाएगी क्योंकि टीका निर्माता मांग के अनुरूप अपने उत्पादों की क्षमता तेजी से बढ़ाने को बमुश्किल तैयार हैं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं आग्रह करूंगी कि इन मुद्दों को ध्यान में रखते हुए एक निष्पक्ष, पारदर्शी और विश्वसनीय टीकाकरण नीति सुनिश्चित करें ताकि देश को किफायती दामों में टीका मिल सके।’’