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अफगानिस्तान से सेना की वापसी अमेरिका के लिए सबसे अच्छा फैसला - बाइडन

September 02, 2021 06:39 AM

वाशिंगटन (भाषा) - अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने युद्ध के करीब 20 साल बाद अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी का जोरदार बचाव करते हुए इसे अमेरिका के लिए ‘‘सबसे अच्छा और सही’’ फैसला बताया। बाइडन ने मंगलवार को व्हाइट हाउस से देश को दिए संबोधन में कहा कि ऐसा युद्ध लड़ने की कोई वजह नहीं है जो अमेरिकी लोगों के ‘‘अहम राष्ट्रीय हितों’’ में न हो। उन्होंने कहा, ‘‘पूरे दिल से मैं यह मानता हूं कि यह अमेरिका के लिए सही, विवेकपूर्ण और सबसे अच्छा फैसला है।’’

बाइडन ने देश के नाम संबोधन तब दिया है जब 11 सितंबर 2001 आतंकवादी हमलों की 20वीं बरसी में महज 11 दिन बचे हैं। इन आतंकवादी हमलों के कारण ही अमेरिका ने अफगानिस्तान में प्रवेश किया था।

काबुल में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से अमेरिकी सैनिकों को लेकर आने वाले आखिरी सी-17 मालवाहक विमान ने मंगलवार को तड़के उड़ान भरी जिसके बाद अफगानिस्तान में अमेरिका का सैन्य अभियान खत्म हो गया। अमेरिका ने 9/11 हमलों के बाद तालिबान को अफगानिस्तान से खदेड़ दिया था लेकिन अब तालिबान का देश पर राज है।

बाइडन ने कहा कि अफगानिस्तान में असली विकल्प लड़ाई ‘‘छोड़ने और उसे बढ़ाने के बीच’’ था। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस युद्ध को हमेशा के लिए बढ़ाना नहीं चाहता था। हमने एक दशक पहले अफगानिस्तान में जो लक्ष्य तय किया था हम उसमें कामयाब हुए। हम एक और दशक रहे। अब इस युद्ध को खत्म करने का वक्त आ गया था। अफगानिस्तान के बारे में यह फैसला महज उस देश को लेकर नहीं है। यह दूसरे देशों के निर्माण के लिए, प्रमुख सैन्य अभियानों के एक युग की समाप्ति है।’’

उन्होंने अफगानिस्तान से 1,20,000 से अधिक लोगों को निकाले जाने का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘अमेरिकी सेना और हमारे राजनयिकों तथा खुफिया पेशेवरों के अद्भुत कौशल, बहादुरी और निस्वार्थ साहस के कारण यह अभियान अत्यधिक सफल हुआ।’’

बाइडन की अमेरिकी सेना को अचानक वापस बुलाने को लेकर आलोचना की जाती रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हम एक राष्ट्र के तौर पर युद्ध में बहुत लंबे वक्त तक रहे। अगर आप आज 20 वर्ष के हैं तो आप कभी नहीं जानते कि अमेरिका एक शांति प्रिय देश है।’’

उन्होंने कहा कि वह चौथे राष्ट्रपति हैं जिनके सामने इस युद्ध को कब और कैसे खत्म किए जाने का मुद्दा आया। उन्होंने कहा, ‘‘‘‘जब मैं राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ रहा था तो मैंने अमेरिकी लोगों से वादा किया था कि मैं इस युद्ध को खत्म कर दूंगा और आज मैंने वह वादा पूरा कर दिया। अफगानिस्तान में युद्ध के 20 वर्षों बाद मैंने अमेरिकी बेटों और बेटियों की एक और पीढ़ी को ऐसा युद्ध लड़ने के लिए भेजने से इनकार कर दिया जिसे पहले ही खत्म हो जाना चाहिए था।’’

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘अगर आप एक लाख करोड़ डॉलर की संख्या लेते हैं जैसा कि कई लोग कह रहे हैं तो इसका मतलब है कि अमेरिका ने दो दशकों तक एक एक दिन में 15 करोड़ डॉलर खर्च किए। मैंने ऐसा युद्ध जारी रखने से इनकार कर दिया जो हमारे लोगों के अहम राष्ट्रीय हितों में नहीं था।’’

उन्होंने अमेरिका को बिना किसी जमीनी युद्ध में शामिल किए, आईएसआईएस जैसे आतंकवादी समूह से पैदा हो रहे खतरे के खिलाफ, अमेरिका की रक्षा करने का संकल्प जताया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का खतरा पूरी दुनिया में है। उन्होंने कहा, ‘‘हम सोमालिया में अल-शबाब, सीरिया और अरब प्रायद्वीप में अल-कायदा से जुड़े संगठनों से खतरों का सामना करते हैं और आईएसआईएस सीरिया तथा इराक में अपना कब्जा जमाने की कोशिश कर रहा है और अफ्रीका तथा एशिया में संबद्ध संगठनों को स्थापित कर रहा है।’’

बाइडन ने कहा, ‘‘मेरी राय में एक राष्ट्रपति का मूलभूत कर्तव्य न केवल 2001 के खतरों के खिलाफ बल्कि 2021 और कल के खतरों के खिलाफ भी अमेरिका की रक्षा और सुरक्षा करना है। अफगानिस्तान में मेरे फैसलों के पीछे यही मार्गदर्शक सिद्धांत है।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका, अफगानिस्तान तथा अन्य देशों में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगा।

बाइडन ने कहा कि विश्व बदल रहा है और अमेरिका नयी चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी चीन के साथ गंभीर प्रतिस्पर्धा है। हम रूस के साथ कई मोर्चों पर चुनौतियों से निपट रहे हैं। हमने साइबर हमलों और परमाणु प्रसार की चुनौतियों का सामना किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें 21वीं सदी के लिए प्रतियोगिता में इन नयी चुनौतियों का सामना करने के वास्ते अमेरिका की प्रतिस्पर्धा क्षमता को बढ़ाना होगा। पिछले दो दशकों में हमारे देश का मार्गदर्शन करने वाली विदेश नीति के पन्ने पलटने पर हमें अपनी गलतियों का पता चलता है।’’

बाइडन ने कहा कि अफगानिस्तान तथा अन्य देशों में अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगा।

 
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