चंडीगढ़ (मयंक मिश्रा) - शहर में रह रहे अफगान छात्रों की दुर्दशा को देखकर युवासत्ता के वालंटियर्स के नेतृत्व में चंडीगढ़ के संबंधित निवासियों का एक समूह इन छात्रों की मदद के लिए आगे आया है और शहर में रह रहे अफगान नागरिकों को खर्चे और शैक्षिक जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्हें हर संभव मदद देने का वादा किया है। इसकी घोषणा शुक्रवार को सेक्टर-36 स्थित पीपुल्स कन्वेंशन सेंटर में एक प्रेस कांफ्रेंस में की गई।
अपनी चिंता जाहिर करते हुए युवसत्ता के संयोजक प्रमोद शर्मा ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान की दोस्ती हजारों साल पुरानी है। उन्होंने कहा कि वे रूमी जैसे अफगान संतों के प्रति ऋणी महसूस करते हैं, जिन्होंने 900 साल पहले दुनिया को आध्यात्मिक मार्ग दिखाया था और शेर शाह सूरी जैसे अफगान शासक, जिनका 600 साल पहले योगदान इतिहास में क्रांतिकारी के रूप में दर्ज किया गया था। प्रसिद्ध ग्रैंड ट्रंक रोड (जीटी रोड) के संस्थापक शेर शाह सूरी, उस समय व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देने, सड़कों में सुधार और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए जाने जाते हैं।
प्रमोद ने आगे कहा कि वर्तमान में चंडीगढ़ में लगभग 80-90 अफगान लड़के और लड़कियां हैं, इसलिए उनके वालंटियर्स यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके अफगान दोस्त खुद को अकेला महसूस न करें और अतिथि देवो भव (अतिथि भगवान के समान हैं) के भारतीय आतिथ्य का आनंद लें। उन्होंने बताया कि 19 सितंबर को युवसत्ता की ओर से सभी स्थानीय अफगान स्टूडेंट्स के लिए सेक्टर-26 स्थित किताब घर में मेडिकल कैंप का आयोजन किया जा रहा है। और युवसत्ता के एक शुभचिंतक श्री सुरिंदर कुमार कंसल ने अफगान छात्रों को देने के लिए 21 ड्राई-राशन किट्स के लिए 21 हजार रुपये डोनेट किए हैं। अगले एक सप्ताह में युवसत्ता के वालंटियर्स सभी जरूरतमंद अफगान छात्रों के लिए ऐसे ड्राई राशन किट की व्यवस्था करेंगे। उन्होंने 'चंडीगढ़ में अफगान स्टूडेंट्स यूनिटी ग्रुप' के लिए किसी भी लोकल डोनेशन के लिए युवसत्ता बैंक का विवरण भी जारी किया। यह इस प्रकार है-युवसत्ता, स्टेट बैंक आफ इंडिया, एसएमई ब्रांच, सेक्टर-8, चंडीगढ़, अकाउंट नंबर-34966143846, आईएफएससी कोड-एसबीआईएन0011705।
पीपुल्स कन्वेंशन सेंटर के अवतार सिंह पॉल और मुजद्दीदी एजुकेशनल सोसायटी मनीमाजरा के प्रेसीडेंट मौलवी मोहम्मद इमरान मुजद्दीदी ने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन और पंजाब सरकार को यहां अफगान छात्रों की सभी शैक्षिक और रहने की जरूरतों को पूरा करने के लिए तुरंत आवश्यक कदम उठाने चाहिए। उन्होंने चंडीगढ़ और पंजाब में अफगान युवाओं को हर संभव सहायता की पेशकश की। वीरवार को हुई एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना, जिसमें एक मकान मालिक ने एक अफगान महिला किराएदार को घर से निकाल दिया था, पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इंस्टीट्यूट आफ सिख स्टडीज, चंडीगढ़ के सरदार गुरप्रीत सिंह, जो कि इस मौके पर मौजूद थे, ने संबंधित अफगान महिला लिए तुरंत उनके परिसर में रहने की व्यवस्था की। उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी और को इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो वे उनसे कभी भी संपर्क कर सकते हैं।
पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और वर्किंग प्रेसीडेंट कुलजीत सिंह नागरा भी इस मौके पर अपना कीमती समय निकाल कर पहुंचे और उन्होंने अफगान स्टूडेंट्स का मनोबल बढ़ाया। इस अवसर उन्होंने कहा कि सिख गुरु की इस जमीन पर किसी भी अफगान भाई या बहन को खुद को खतरे में महसूस नहीं करना चाहिए। उनके दरवाजे हमेशा खुले हैं और संबंधित अफगान युवा प्रतिनिधियों को अपनी सभी समस्याओं को उनके साथ साझा करना चाहिए और वे यह देखेंगे कि इनका तुरंत समाधान किया जाए।
चंडीगढ़ में मिले सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए 'चंडीगढ़ में अफगान स्टूडेंट्स यूनिटी ग्रुप' के संस्थापक श्री अब्दुल मोनीर कक्कड़, ने कहा कि अफगानिस्तान में उथल-पुथल के कारण राज्य मशीनरी चरमरा गई। और वे सभी इस त्रासदी से मानसिक और आर्थिक रूप से गहराई से प्रभावित हैं। अफगानिस्तान में सरकारी बैंकों को बाधित कर दिया गया है जिसके कारण हम अपने देश से पैसे प्राप्त करने में असमर्थ हैं। इसने हम सभी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं क्योंकि हम अपने घर का किराया देने में असमर्थ हैं, किराना, स्टेशनरी, किताबें आदि नहीं खरीद सकते हैं। कार्यकाल पूरा होने के कारण आईसीसीआर स्कॉलरशिप भी समाप्त हो गई है। हममें से कुछ लोग इंटरनेट के पेंडिंग बिल का भुगतान करने में असमर्थ होने के कारण ऑनलाइन कक्षाओं को अटेंड नहीं कर पा रहे हैं। अफगान की लड़कियों ज्यादा प्रभावित हुई हैं क्योंकि वे मानसिक तौर पर ज्यादा कमजोर हैं। उनका परिवार के सदस्यों से संपर्क टूट गया है। वे रोजमर्रा की जरूरत का सामान भी नहीं खरीद पा रही हैं। उनमें से कई को स्त्री रोग संबंधी समस्याएं हैं और वे अपनी दवाएं भी नहीं खरीद सकती हैं। श्री अब्दुल मोनिर कक्कड़ ने लोगों से मदद के लिए अनुरोध किया क्योंकि वे उम्मीद खो रहे हैं।