चंडीगढ़ - मुख्यमंत्री स. चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने रविवार को कृषि विभाग की गेहूँ बीज सब्सिडी नीति 2021-22 को मंज़ूरी दे दी है, जिससे रबी सीज़न के दौरान प्रति किसान 2,000 रुपए की तय सीमा के हिसाब से किसानों को प्रमाणित गेहूँ का बीज 50 प्रतिशत सब्सिडी पर मुहैया करवाया जा सके।
नीति के अंतर्गत 20 करोड़ रुपए की सब्सिडी के साथ कुल 2 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज प्रदान करने से लगभग एक लाख किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
कृषि मंत्री रणदीप सिंह नाभा ने विभाग को छोटे और सीमांत किसानों को सब्सिडी वाले बीज मुहैया करवाने को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सब्सिडी सिफऱ् योग्य किसानों को दी जाए और सब्सिडी की रकम किसानों की चयन के अनुसार सीधे लाभार्थी किसानों के खातों में या रजिस्टर्ड डीलरों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाए।
नाभा ने कृषि विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों को हिदायत की कि वह अपने-अपने क्षेत्र में बेचे जा रहे बीजों पर करीबी निगरानी रखें और यह भी सुनिश्चित बनाएं कि सिफऱ् मानक बीज ही किसानों तक पहुंचे। कृषि मंत्री ने चेतावनी दी कि यदि इस सम्बन्ध में कोई शिकायत मिलती है या कोई गलत कार्यवाही का पता चलता है तो बीज एजेंसियों के सम्बन्धित अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ-साथ जि़ला और ब्लॉक स्तर के कृषि अधिकारी सीधे तौर पर जि़म्मेदार माने जाएंगे।
सब्सिडी लेने के इच्छुक किसान 10 से 18 अक्टूबर, 2021 तक https://agrimachinerypb.com/ पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
मंत्री ने कहा कि कृषि विभाग ने किसानों को सब्सिडी दरों पर गेहूँ का बीज मुहैया करवाने के लिए सभी ज़रुरी प्रबंध सुनिश्चित बनाए हैं। प्रति क्विंटल अधिक से अधिक 1000 रुपए की तय सीमा के हिसाब के साथ बीजों की कुल लागत का 50 प्रतिशत सब्सिडी सीधे आवेदनकर्ता किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी और गेहूँ के बीज पर सब्सिडी प्रति किसान अधिक से अधिक 5 एकड़ क्षेत्रफल के लिए मुहैया करवाई जाएगी।
पीएयू द्वारा सिफारिश की गईं किस्मों का प्रमाणित बीज और पंजाब में प्रमाणित बीज ही बाँटा जाएगा। सारा काम ऑनलाइन पोर्टल के द्वारा होगा, जहाँ किसान गेहूँ के बीज के लिए आवेदन कर सकते हैं और बीज उत्पादक अपने डीलरों के साथ रजिस्टर्ड हो सकते हैं।
सरकारी/सहकारी/निजी संस्थाएं 2021-22 के दौरान रबी की फ़सल यानि गेहूँ के प्रमाणित बीज बेच सकेंगे, जिससे किसान रजिस्टर्ड डीलर/उत्पादक से बीज खरीद सकें। गेहूँ के बीजों के वितरण में अनुसूचित जातियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद सीमांत किसानों (जिनके पास 2.5 एकड़ तक ज़मीन है) और 2.5 एकड़ से 5 एकड़ तक ज़मीन वाले छोटे किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। फिर भी सब्सिडी की राशि उपलब्ध होने के मामले में बड़े किसानों के आवेदनों पर विचार किया जाएगा। पंजाब में पीएयू द्वारा सिफारिश की गई और सिफऱ् पंजाब में प्रमाणित किस्मों को ही योजना में विचारा जाएगा।
सब्सिडी सीधा किसानों के बैंक खातों में डीबीटी के द्वारा जमा हो जाएगी और यदि सम्बन्धित किसान अपनी बनती सब्सिडी उत्पादक के बैंक खाते में ट्रांसफर करने के लिए लिखित रूप में देता है तो वह डीलर/उत्पादक को अपनी लिखित सहमति दे सकता है और सब्सिडी घटाकर बकाया रकम पर बीज खरीद सकता है।
जि़क्रयोग्य है कि रबी सीज़न 2021-22 के दौरान राज्य में लगभग 35 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूँ की खेती किए जाने की उम्मीद है।