दिल्ली: राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सोमवार को अपने गृह राज्य बिहार में सक्रिय राजनीति में हाथ आजमाने का संकेत देते हुए घोषणा की कि यह लोगों के मुद्दों और “जन सुराज” के मार्ग को बेहतर ढंग से समझने के लिए उनके पास जाने का समय है।
हमेशा सक्रिय राजनीति में रुचि रखने वाले, किशोर पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू में शामिल हुए थे, लेकिन संशोधित नागरिकता कानून जैसे मुद्दों पर उनके परस्पर विरोधी विचारों पर कुमार के साथ तीखे मतभेदों के कारण उन्हें निष्कासित कर दिया गया था।
उनके हाल में कुछ मौकों पर कांग्रेस में शामिल होने को लेकर भी अटकलें तेज रहीं लेकिन मुख्य विपक्षी दल में आमूलचूल बदलाव के उनके प्रस्ताव पर दोनों पक्षों में अंतिम सहमति नहीं बन सकी।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “लोकतंत्र में एक सार्थक भागीदार बनने और जन-समर्थक नीति को आकार देने के प्रयास में मैंने 10 साल का उतार-चढ़ाव देखा। अब उस अध्याय को पलटता हूं, ‘रियल मास्टर्स’ यानी लोगों के पास जाने का समय, मुद्दों और जन सुराज-जनता के सुशासन के मार्ग को बेहतर ढंग से समझने के लिए। बिहार से शुरुआत।”