चंडीगढ़ (सोनिया अटवाल) - देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना महामारी के मामलों के बाद अब चंडीगढ़ में भी तेजी से मामले बढऩे लगे हैं। ऐसे में प्रशासन को डर है कि चंडीगढ़ में कभी भी कोरोना की चौथी लहर दस्तक दे सकती है। जिसके चलते बच्चों की सौ फीसदी वैक्सीनेशन बहुत जरूरी है। इस मामले में मंगलवार को प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने बैठक में फैसला लिया कि स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग मिलकर 15 मई तक 12 वर्ष से 18 वर्ष के सभी बच्चों के लिए पहली खुराक की 100 फीसदी टीकाकरण के आंकड़े को पूरा करें। हालांकि अभी 12 वर्ष से 18 वर्ष के आयु वर्ग के गैर-टीकाकरण वाले छात्रों को फिजिकल मोड में कक्षाएं लगाने के प्रतिबंध के फैसले को अभी अगले आदेशों तक टाल दिया गया है।
ध्यान रहे कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच प्रशासन ने 12 से 18 वर्ष के बच्चों को वैक्सीन लगवाए बिना 4 मई से स्कूल में एंट्री नहीं न देने के आदेश जारी किए थे। जिसके तहत सरकारी और प्राइवेट स्कूल भी बिना वैक्सीनेशन वाले बच्चों को 4 मई से स्कूल में एंट्री देने के मूड में नहीं थे, लेकिन प्राइवेट स्कूल ऑनलाइन क्लास के लिए भी मना कर चुके हैं। ऐसे में लोगों से अपील है कि वैक्सीनेशन कराकर बच्चों की पढ़ाई का नुकसान होने से बचाएं। प्रशासन का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर से पहले कई लोगों के वैक्सीनेटिड होने से अस्पतालों में कम मरीज पहुंचे ।
जानकारी के मुताबिक अभी तक 15 से 18 वर्ष के आयुवर्ग में 98 फीसदी को पहली डोज लग चुकी है और 12 से 14 आयु वर्ग में 60 फीसदी बच्चों को ही पहली डोज लगी है। ऐसे में कोरोना की संभावित चौथी लहर से पहले सभी बच्चों का वैक्सीनेटिड होना ज़रूरी है। प्रशासन चाहता है कि 15 मई तक सभी योग्य बच्चों को कोरोना वैक्सीन लग जाए। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग शिक्षा विभाग के साथ तालमेल बिठा रहा है।
5 से 12 साल के आयुवर्ग में आते हैं 75 हजार बच्चे:
शहर के डिस्ट्रिक्ट इम्यूनाइजेशन अफसर डॉ. मंजीत सिंह के मुताबिक चंडीगढ़ में करीब 75 हजार बच्चे ऐसे हैं, जो 5 से 12 साल तक के आयु वर्ग में आते हैं। चंडीगढ़ के स्वास्थ्य विभाग के सर्वे पर यह आंकड़ा आधारित है, लेकिन वैक्सीनेशन का डाटा केंद्र सरकार तय करेगी। छोटे बच्चे स्कूल जा रहे हैं और वैक्सीनेटिड भी नहीं हैं, लेकिन 5 से 12 वर्ष के इन छोटे बच्चों की वैक्सीनेशन चंडीगढ़ में जल्द शुरू हो सकती है। केंद्र सरकार की मंजूरी मिलते ही वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू हो जाएगी।
को-वैक्सीन लग सकती है 5 से 12 साल के बच्चों को:
डॉ. मंजीत सिंह ने बताया कि चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग वार्षिक हेल्थ सर्वे करवाता है। इसी सर्वे के आधार पर आंकड़े आधारित हैं। सर्वे में तीन से चार आयु वर्ग होते हैं। 12 से 18 वर्ष के बच्चों के आंकड़े जुटाने के बाद उनसे छोटी उम्र के बच्चों के आंकड़े निकाले गए हैं। वहीं ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने दो कंपनियों की वैक्सीन को छोटे बच्चों पर इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। आपातकाल स्थिति में भारत बॉयोटैक की को-वैक्सीन को 5 से 12 साल तक के बच्चों पर इस्तेमाल किया जा सकता है। कोर्बेवैक्स भी 5 से 12 वर्ष के बच्चों पर इस्तेमाल की जा सकती है। हालांकि इस पर अंतिम फैसला भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने लेना है।
यहां लगवा सकते हैं वैक्सीन:
यूटीप्रशासन शहर में कई जगह पर कोरोना के स्थाई मुफ्त वैक्सीनेशन सेंटर चला रहा है। इनमें 12 से 14 वर्ष के बच्चे पीजीआई, जीएमसीएच 32, जीएमएसएच 16, मनीमाजरा, सेक्टर 22 और सेक्टर 45 के सिविल अस्पताल, सुखना लेक का वैक्सीनेशन सेंटर, स्कूल, एनजीओ/क्लब्स द्वारा आयोजित कैंप में कोर्बेवैक्स वैक्सीन लगवा सकते हैं। वहीं 15 से 18 वर्ष के बच्चे कोवैक्सिन पीजीआई, जीएमसीएच 32, जीएमएसएच 16, मनीमाजरा, सेक्टर 22 और सेक्टर 45 के सिविल अस्पताल, सुखना लेक का वैक्सीनेशन सेंटर में लगवा सकते हैं। इनके अलावा वयस्क कोरोना की पहली और दूसरी मुफ्त वैक्सीन जीएमसीएच 32, जीएमएसएच 16, मनीमाजरा, सेक्टर 22 और सेक्टर 45 के सिविल अस्पताल में लगवा सकते हैं। यहां 60 वर्ष और इससे अधिक उम्र के बुजुर्ग मुफ्त में बूस्टर डोज (तीसरी डोज) लगवा सकते हैं। 60 वर्ष से कम उम्र के वयस्कों के लिए शहर के 8 निजी चिकित्सीय संस्थानों में बूस्टर डोज पेड है।
सुखना लेक पर भी लगवा सकते हैं वैक्सीन:
प्रशासन का कहना है कि वैक्सीनेशन के लिए लक्ष्य निर्धारित किए हुए हैं, मगर फिर भी उनकी कोशिश है कि किसी भी आयु वर्ग में कोई भी छूट न जाए। डॉ. मंजीत सिंह ने बताया कि चंडीगढ़ में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों के लोग भी वैक्सीन लगवा रहे हैं। प्रशासन स्कूलों में स्पेशल कैंप लगाने के बावजूद बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाने के लक्ष्य से पीछे है। सुखना लेक पर बच्चों की काफी चहलकदमी रहती है। ऐसे में सुखना लेक के कोविड वैक्सीनेशन सेंटर को बच्चों की वैक्सीनेशन के लिए शाम 4 से 8 बजे तक इस्तेमाल किया जाएगा। प्रशासन ने कहा है कि अभी भी अनेकों बच्चों के कोविड वैक्सीन लगाई जानी है। ऐसे में यह कदम उठाया गया है। शहर में 12 से 14 वर्ष के बच्चों को कोर्बेवैक्स और 15 से 18 वर्ष के बच्चों को कोवैक्सिन लगाई जा रही है।