चंडीगढ़ (मयंक मिश्रा) - यूटी प्रशासन की ओर से वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भेजी गई याचिका पर 13 मई को ज्वाइंट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (जेईआरसी) की ओर से लोगों के सुझाव और आपत्तियों को सुना जाएगा। प्रशासन की ओर से हाल ही में जेईआरसी के समक्ष दायर याचिका पर 11 मई तक शहर से लोगों से सुझाव व आपत्तियां आमंत्रित की गई हैं जिसके बाद 13 मई को चंडीगढ़ में जेईआरसी पब्लिक हियरिंग सेशन आयोजित करेगा। इस सेशन के बाद जेईआरसी प्रशासन की याचिका पर अंतम फैसला लेगा। उसके बाद ही मौजूदा वित्तीय वर्ष में बिजली के रेट में बढ़ोतरी न करने का फैसला लागू होगा। चंडीगढ़ में हर साल बिजली के दाम जेईआरसी की ओर से तय किए जाते हैं। विभाग की तरफ से पूरे साल के खर्च और कमाई का ब्योरा बनाकर जेईआरसी को सौंपना होता है। विभाग ही जेईआरसी को सिफारिश करता है कि दाम में बढ़ोतरी की जानी चाहिए या नहीं।
प्रशासन के बिजली विभाग ने साल 2022-23 के लिए बिजली के दाम नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। इस संबंध में विभाग ने जेईआरसी के पास याचिका दाखिल कर कहा है कि वह पिछले कुछ वर्षों से लाभ में है, इसलिए दाम बढ़ाने की जरूरत नहीं है। बिजली विभाग ने अपनी याचिका में कहा है कि वर्ष 2022-23 के प्रस्तावित टैरिफ आर्डर में बिजली के दाम में कोई भी बढ़ोतरी नहीं करने का फैसला लिया है और आयोग की तरफ से 30 मार्च 2021 को मंजूर वर्ष 2021-22 के बराबर ही दाम रखने का फैसला लिया है। याचिका में साफ किया गया है कि बिजली विभाग के पास वर्ष 2022-23 के लिए भी 20.54 करोड़ रुपये सरप्लस हैं, इसलिए विभाग अगले वित्तीय वर्ष के लिए बिजली के दाम में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं चाहता है।
शहर में पिछले कई साल से बिजली के दाम नहीं बढ़े हैं। बिजली विभाग के अधिकारियों के अनुसार उन्होंने वर्ष 2022-23 के टैरिफ प्रपोजल में बिजली के दाम पिछले साल वाले ही रखने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ साल से विभाग फायदे में चल रहा है, जिसके चलते उन्होंने टैरिफ प्रपोजल में बिजली के दाम नहीं बढ़ाए। बता दें विभाग ने वर्ष 2021-22 के लिए बिजली के दाम 9.58 फीसदी कम कर दिए थे। बिजली उपभोक्ताओं से एफपीपीसीए (फ्यूल प्राइस एंड पावर परचेज एडजस्टमेंट चार्जेज) भी बंद कर दिए गए थे। हालांकि इससे पहले वर्ष 2018-19 में डोमेस्टिक कनेक्शन पर हर यूनिट के 20 पैसे और कामर्शियल पर हर यूनिट के 15 पैसे प्रति यूनिट बढ़ाए गए थे। पूरे बिल पर 5 फीसदी रेगुलेटरी सरचार्ज अलग से लगाया गया था।
विभाग के फैसले से शहरवासियों को मिली है बड़ी राहत
पिछले कुछ सालों में बिजली विभाग ने कॉमर्शियल अकाउंट के घाटे को काफी हद तक कम कर लिया है। विभाग के इस फैसले से शहरवासियों को बड़ी राहत मिली है क्योंकि एक अप्रैल से पानी के दाम ढाई गुना बढ़े हैं और उम्मीद जताई जा रही थी कि बिजली के दाम भी बढ़ सकते हैं क्योंकि प्रशासन ने पिछले कई वर्षों से दाम नहीं बढ़ाए हैं और चंडीगढ़ में बिजली के दाम पड़ोसी राज्यों से काफी कम है। चंडीगढ़ के बिजली विभाग का निजीकरण हो चुका है।
175 करोड़ के चंडीगढ़ बिजली विभाग को खरीदने के लिए एमीनेंट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड ने लगभग 870 करोड़ की बोली लगाई है, जिसे केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दी है। 24 मार्च 2022 तक विभाग को कंपनी को सौंप देना था लेकिन कर्मचारियों की हड़ताल और मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंचने की वजह से लंबित है। विभाग को खरीदने की दौड़ में कुल सात कंपनियां थीं।