चंडीगढ़ (मयंक मिश्रा) - शहर में पार्किंग व्यवस्था को आसान बनाने के लिए यूटी प्रशासन ने नगर निगम द्वारा संचाचित की जा रही सभी पार्किंग पर फास्ट टैग सिस्टम शुरू करने का निर्णय लिया है। स्थानीय पार्किंग स्तर पर फास्ट टैग का उपयोग करने वाला देश का पहला शहर चंडीगढ़ बन जाएगा। पार्किंग पूरी तरह से स्मार्ट और कैशलेस हो जाएगी। इसके लिए बैंकों से टाइअप किया जा रहा है। साथ ही दोपहिया वाहनों के लिए मुफ्त पार्किंग की अनुमति देने पर भी विचार किया जा रहा है। इस नई व्यवस्था के तहत लोगों से पार्किंग फीस नहीं ली जाएगी। बल्कि यह फास्ट टैग के जरिए अपने आप कट जाएगा।
फास्ट टैग सिस्टम शुरू होने से समय तो बचेगा ही, साथ ही पार्किंग के प्रवेश पर होने वाले ट्रैफिक जाम को खत्म करने में मदद करेगा। स्वचालित संचालन के लिए पार्किंग के प्रवेश/निकास पर बूम बैरियर को फास्टैग से जोड़ा जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्गों का उपयोग करने के लिए फास्ट टैग पहले से ही अनिवार्य है। ऐसे में प्रशासन को चंडीगढ़ में कार मालिकों द्वारा इस नए सिस्टम को तत्काल अपनाने की उम्मीद है।
वहीं, प्रशासन ने यह भी तय किया है कि सेक्टर-17 स्थित मल्टीलेवल पार्किंग में भी फास्टैग के जरिए कैशलेस सिस्टम शुरू होगा। इससे पार्किंग में आसानी से एंट्री होगी और लाइनें नहीं लगेंगी।
शहर की पार्किंग और मल्टीलेवल पार्किंग में फास्ट टैग का इस्तेमाल करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार के डिजिटल मिशन का हिस्सा है। इस सिस्टम को लागू करवाने के लिए नेशनल पेमेंट कार्पोरेशन आफ इंडिया के अधिकारियों की नगर निगम के अधिकारियों के इस संबंध में बैठक हो चुकी है। केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय की ओर से प्रशासन और नगर निगम को कुछ माह पहले पत्र भेजकर कहा गया था कि पेड पार्किंग को फास्टैग के जरिए कैशलेस में तबदील करें। इसमें बैंकों और टोल प्लाजा का अनुभव रखने वाली कंपनियां अपनी प्रस्ताव नगर निगम को देंगी। बैंक फास्टैग जारी करेगा। उसे हर व्हीकल की एंट्री पर बनता शेयर टोल प्लाजा कंपनी को देना होगा।
गौरतलब है कि यूटी के प्रसशाक के सलाहकार भी मल्टीलेवल पार्किंग में स्मार्ट फीचर और बूम बैरियर लगाकर कैशलेस करने के लिए नगर निगम अधिकारियों से रिपोर्ट मांग चुके हैं। शहर में अभी एलांते की पार्किंग कैशलेस है। व्हीकल पर फास्टैग से कैशलेस की सुविधा एलांते में पार्किंग में उपलब्ध है। एलांते की पार्किंग के लिए निजी बैंक की ओर से टाइअप किया हुआ है। व्हीकल पार्क करने वालों के फास्टैग से ही पार्किंग चार्जेज इसी बैंक के खाते में जाते हैं। पार्किंग में किसी भी बैंक द्वारा जारी फास्टैग प्रयोग होता है।
मल्टीलेवल पार्किंग में वैले पार्किंग की सुविधा नहीं हो सकी शुरू
सेक्टर-17 की मल्टीलेवल पार्किंग में शहरवासियों को फाइव स्टार होटलों की तरह वैले पार्किंग की सुविधा देना का प्रस्ताव तीन साल पहले पास हुआ था। लेकिन यह प्रस्ताव आज तक लागू नहीं किया गया। प्रस्ताव के अनुसार इस पर साल का 52 लाख 37 हजार रुपये का खर्चा आना था। पार्किंग में सुबह 8 बजे से रात 11 बजे तक वाहन पार्क किए जाने थे। अभी एक दिन में यहां पर 500 से 600 कारें पार्क होने के लिए आती हैं, जबकि 450 से 500 दोपहिया वाहन पार्क होने के लिए आती है। दोपहिया वाहन सरफेस में ही पार्क होते हैं।
ऐसे में यह निर्णय लिया गया था कि वैले पार्किंग की सुविधा देने के बदले चालक से कोई अतिरिक्त चार्ज भी वसूल नहीं किया जाएगा। जो अतिरिक्त कर्मचारी रखने पर खर्चा बढ़ेगा वह विज्ञापन से चार्ज किया जाएगा। प्रशासन का वास्तुकार विभाग मल्टीलेवल के भीतर विज्ञापन करने की मंजूरी पहले ही दे चुका है। इस समय शहरवासी अंडरग्राउंड पार्किंग में वाहन पार्क करने के लिए तैयार नहीं होते हैं। इसी कारण सेक्टर-17 के सरफेस पर जो पेड पार्किग बनी है वह फुल हो जाती है, लेकिन मल्टीलेवल पार्किंग खाली रह जाती है।
नगर निगम ने सेक्टर-17 में मल्टीलेवल पार्किंग पर 50 करोड़ रुपये खर्च किए थे। मल्टी लेवल पार्किंग अधिकतर समय खाली रहती है। मल्टी लेवल पार्किंग के प्रति लोगों को जागरुक करने की योजना भी बनी। लेकिन, कुछ नहीं हुआ। नगर निगम के अनुसार मल्टीलेवल पार्किंग के वार्षिक रखरखाव पर एक करोड़ 16 लाख 70 हजार रुपये का खर्चा आ रहा है। इसके साथ ही 38 लाख रुपये से अलग से खर्चा कर्मचारियों की नियुक्ति पर इस साल आ रहा है।