चंडीगढ़ (मयंक मिश्रा) - शहर की सरकारी जमीन मुक्त करवाने के लिए प्रशासन अब 15 मई (रविवार) को सेक्टर 25 की जनता कॉलोनी पर बुलडोजर चलाएगा। इससे पहले प्रशासन ने 1 मई को कॉलोनी नंबर चार को खाली कराया था। कॉलोनी को गिराकर 65 एकड़ जमीन को खाली कराया गया था। बुधवार को चंडीगढ़ के उपायुक्त विनय प्रताप सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई थी जिसमें 15 मई को जनता कॉलोनी में बनी अवैध झुग्गियों को ढहाने को लेकर तैयारियों की समीक्षा की गई।
इस क्षेत्र में अवैध निर्माण से करीब 10 एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा किया गया है। यह जमीन डिस्पेंसरी, प्राइमरी स्कूल, कम्युनिटी सेंटर और शॉपिंग एरिया के लिए पहले ही निर्धारित की जा चुकी है। रविवार को कालोनी हटाने का मुख्य कारण यह है कि इस दिन पुलिस फोर्स उपयुक्त संख्या में उपलब्ध रहती है। सरकारी ऑफिस और प्राइवेट ऑफिस बंद रहते हैं। लोगों की आवाजाही कम रहती है। इस वजह से अगर कोई सड़क बंद करनी पड़े तो भी दिक्कत नहीं होती। कालोनी नंबर चार को ढहाते समय भी कई सड़क को बंद रखा गया था।
कॉलोनी में 2 हजार परिवार रह रहे थे, इनमें से कई लोगों ने प्रशासनिक चेतावनी के बाद मकान खाली कर दिए हैं। 70 प्रतिशत लोग कॉलोनी खाली कर चुके हैं। लोग अपने घर खुद ही गिरा रहे हैं और ईंट और टिन आदि साथ ले जा रहे हैं। शुक्रवार को सेक्टर 25 कॉलोनी वासियों को सेक्टर 17 एस्टेट ऑफिस बुलाया है। यहां योग्यता रखने वाले परिवार अपने फार्म आदि लेकर आ सकते हैं। बॉयोमीट्रिक सर्वे के आधार पर और सभी दस्तावेजों के आधार पर कुछ कच्चे मकान मालिकों को पुनर्वास योजना के तहत मकान भी मिल सकते हैं।
इस दौरान यहां फार्म भरे जाएंगे। कई परिवारों के बच्चे सेक्टर 25 के सरकारी स्कूल में पढ़ रहे हैं। मकान गिराए जाने के बाद इन बच्चों को पढ़ाई की चिंता है। गौरतलब है कि 3 मई को चंडीगढ़ प्रशासन ने कॉलोनी में एक बोर्ड लगा सप्ताह में कॉलोनी खाली करने को कहा था। कहा गया कि झुग्गियां अवैध हैं और सरकारी जमीन पर बनी हैं, कभी भी इन्हें गिराया जा सकता है। लोगों ने रोष स्वरुप बोर्ड गिरा दिया था। हालांकि प्रशासन ने अभियान चलाने का अपना इरादा साफ कर दिया।
जनता कॉलोनी के बाद प्रशासन संजय कॉलोनी पर बुलडोजर चलाएगा। संजय कॉलोनी में इस समय डेढ़ हजार के करीब कच्चे मकान बने हुए हैं। इस मकानों में लगभग तीन से चार हजार लोग रहते हैं। अभी तक चंडीगढ़ 370 एकड़ से अधिक जमीन को स्लम हटाकर खाली करा चुका है। इसकी कीमत 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक है। अभी भी करीब 200 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा है। जिसे हटाने की तैयारी हो चुकी है। गौरतलब है कि सभी स्लम कॉलोनी को हटाने के बाद चंडीगढ़ देश का स्लम फ्री शहर बन जाएगा।
इसके बाद कहीं भी कोई स्लम एरिया डेवलप नहीं होने दिया जाएगा। जीरो टॉलरेंस की नीति को इसके बाद लागू किया जाएगा। जिस एरिया में झुग्गी बनेंगी उस एरिया के एंफोर्समेंट इंस्पेक्टर से लेकर अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। चंडीगढ़ के अलग-अलग हिस्सों में बसे स्लम एरिया को खत्म करने के लिए 2006 में बायोमेट्रिक सर्वे किया गया था। सर्वे के बाद कुल 25728 फ्लैट्स बनाए जाने का निर्णय लिया गया था। अभी तक इनमें से 17696 फ्लैट्स ही बनाए जा चुके हैं।