चंडीगढ़: प्रदेश सरकार ने सरकारी विश्वविद्यालयों की ग्रांट बहाल कर दी है। सभी सरकारी विश्वविद्यालयों का अनुदान बहाल करते हुए 147 करोड़ 75 लाख रुपये जारी कर दिए हैं। गुरुवार को उच्चतर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने विश्वविद्यालयों को ग्रांट बहाल करने के साथ पहली किस्त भी जारी की।
इससे पहले उच्चतर शिक्षा विभाग ने अनुदान की जगह विश्वविद्यालयों को ऋण जारी करने के निर्देश दिए थे जिसके तहत 29 अप्रैल को 147 करोड़ 75 लाख रुपये का ऋण मंजूर किया था। विश्वविद्यालयों को पिछले महीने आवंटित ऋण को अनुदान में बदल दिया गया है। विश्वविद्यालयों को अब यह पैसा लौटाना नहीं पड़ेगा। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
बता दें कि प्रदेश सरकार विश्वविद्यालयों को हर साल प्रशासनिक और शैक्षणिक सहित अन्य कार्यों के लिए करोड़ों रुपये का अनुदान देती रही है। हालांकि केंद्रीय अनुदान आयोग (यूजीसी) और फंडिंग एजेंसीज पहले ही रिसर्च के लिए फंडिंग बंद कर चुकी हैं। प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि विश्वविद्यालयों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए उन्हें अनुदान जारी रखा जाए।
विश्वविद्यालयों को कितनी ग्रांट
विश्वविद्यालय ग्रांट
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय 59.00 करोड़
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय 23.75 करोड़
चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय 10.00 करोड़
भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय खानपुर (सोनीपत) 12.50 करोड़
इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर रेवाड़ी 4.50 करोड़
डा.भीम राव अंबेडकर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय सोनीपत 7.25 करोड़
चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय भिवानी 10.00 करोड़
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद 5.50 करोड़
महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल 8.75 करोड़
गुरुग्राम विश्वविद्यालय 6.50 करोड़