चंडीगढ़( वेदपाल ): स्थानीय निकाय चुनाव के दंगल में भाजपा-जजपा गठबंधन के मंत्रियों से लेकर कांग्रेस विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। 46 नगर परिषद व नगरपालिकाओं में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला सहित पांच मंत्रियों व 36 विधायकों के सामने जीत की चुनौती है। प्रदेश में 18 नगर परिषद व 28 नगरपालिका के लिए 19 जून को चुनाव होगा।
भाजपा-जजपा गठबंधन, इनेलो व आम आदमी पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ रही हैं। वहीं कांग्रेस ने सिंबल पर चुनाव न लड़ने से किनारा कर समर्थित उम्मीदवारों को समर्थन दिया है। लिहाजा कांग्रेस विधायकों के सामने भी शहरी क्षेत्र में अपने वर्चस्व का दबदबा बनाए रखने की चुनौती है। इसके साथ ही गठबंधन सरकार के पांच मंत्री भी शहरी सरकार में जीत दर्ज करने पूरजोर कोशिश में जुटे हुए हैं। वहीं ऐलनाबाद से इनेलो विधायक अभय चौटाला के सामने अपने गढ़ को बचाने की चुनौती है तो निर्दलीय विधायकों के समक्ष अपनी लोकप्रियता को बरकरार रखने की अग्नि परीक्षा है।
बिजली मंत्री समेत पांच मंत्रियों के सामने जीत की चुनौती
निकाय चुनाव में गठबंधन सरकार के पांच मंत्रियों के सामने जीत की चुनौती है। इनमें प्रमुख रूप से रानियां से निर्दलीय विधायक एवं गठबंधन सरकार में बिजली मंत्री रणजीत चौटाला हैं। इसके अलावा पिहोवा से विधायक एवं खेल राज्यमंत्री संदीप को पिहोवा व इस्माईलाबाद नगरपालिका को फतेह करना होगा। बावल नगरपालिका में जीत दर्ज करने का जिम्मा सहकारिता मंत्री बनवारी लाल के कंधों पर हैं, वे यहां के स्थानीय विधायक हैं। नारनौल नगर परिषद में दोबारा भाजपा का परचम लहराने का दरोमदार सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता राज्यमंत्री ओपी यादव पर रहेगा। पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली के सामने अपनी विधानसभा टोहाना में जीत की चुनौती है।
उचाना में उप मुख्यमंत्री को फिर स्थापित करना होगा वर्चस्व
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के सामने अपने विधानसभा क्षेत्र उचाना में फिर से वर्चस्व स्थापित करने की चुनौती होगी। उचाना नगरपालिका के चेयरमैन की सीट जजपा के खाते में गई है। लिहाजा ऐसे में उप मुख्यमंत्री को न केवल यह सीट जीतनी है, बल्कि उचाना अपना दबदबा बनाए रखना होगा, क्योंकि यहां से दिग्गज राजनेता बीरेंद्र सिंह आते हैं और भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की कई बार मुखालफत कर चुके हैं। ऐसे में दुष्यंत के सामने बीरेंद्र सिंह को भी कड़ा जबाव देने की चुनौती है।
निर्दलीय विधायक भी दिखा रहे हैं ताकत
महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू को छोड़कर अन्य निर्दलीय विधायक गठबंधन सरकार के साथ खड़े हैं। स्थानीय निकाय चुनाव में चार शहर ऐसे हैं, जहां से निर्दलीय विधायक आते हैं। ऐसे में निर्दलीय विधायकों के सामने अपने समर्थित उम्मीदवारों को जीताने की सबसे बड़ी चुनौती है। नीलोखेड़ी से निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर के सामने तरावड़ी व निसिंग नगरपालिका में अपना दबदबा बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। वहीं पूंडरी से निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन के समक्ष राजौंद नगरपालिका में जीत दर्ज करने की चुनौती है। इसके साथ ही महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू को महम नगरपालिका में अपने समर्थित उम्मीदवार की जीताने के लिए कुंडू को खूब पसीना बहाना होगा। चरखी-दादरी में निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान को भी कड़ी मेहनत करनी होगी।
कांग्रेस के इन विधायकों के सामने भी चुनौती
निकाय विधायक
नारायणगढ़ शैली चौधरी
सफीदों सुभाष देशवाल
झज्जर गीता भुक्कल
बहादुरगढ़ राजेंद्र जून
असंध शमशेर गोगी
महेंद्रगढ़ राव दान सिंह
पुन्हाना मोहम्मद इलियास
फिरोजपुर झिरका मामन खान
नूंह अफताब अहमद
कालका प्रदीप चौधरी
समालखा धर्म सिंह छोक्कर
गोहाना जगबीर मलिक
मंडी डबवाली अमित सिहाग
सढौरा रेनू बाला
लाडवा मेवा सिंह
भाजपा विधायकों को भी बहाना होगा पसीना
निकाय विधायक
भिवानी घनश्याम सर्राफ
रतिया लक्ष्मण नापा
फतेहाबाद दूड़ाराम
हांसी विनोद भ्याना
घरौंडा हरविंद्र कल्याण
कैथल लीलाराम गुर्जर
नांगल चौधरी अभय यादव
पलवल दीपक मंगला
होडल जगदीश नायर
गन्नौर निर्मल रानी
सोहना संजय सिंह
जींद कृष्ण मिड्डा
जजपा विधायकों भी अग्निपरीक्षा
निकाय विधायक
बरवाला जोगीराम सिहाग
नरवाना रामनिवास सुरजाखेड़ा
चीका ईश्वर सिंह
शाहाबाद रामकरण काला