चंडीगढ़ (मयंक मिश्रा) - शहर के पांच साल के बाद 2027 में 24 घंटे पानी की सप्लाई का प्रोजेक्ट शुरू हो जाएगा। उस समय पूरे चंडीगढ़ में कजौली वाटर वर्क्स (नहरी पानी) से ही सप्लाई होगी। इस प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद शहर के भूजल के गिरते स्तर को देखते हुए 2027 में 220 ट्यूबवैल्स को बंद कर दिया जाएगा। शहर में इस समय 220 ट्यूबवैल्स से 22 एमजीडी पानी की सप्लाई हो रही है। साल 2001 में चंडीगढ़ के ट्यूबवैल्स से मात्र 14 एमजीडी पानी की आपूर्ति होती थी, लेकिन साल 2018 में यह आपूर्ति 27 एमजीडी पहुंच गई।
इसके अलावा शहर में पार्कों की इरिगेशन, हार्टिकल्चर और प्राइवेट एग्रीकल्चर के लिए लोगों ने ट्यूबवैल लगाए हुए हैं। यही वजह है कि शहर का भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है। जल स्तर गिरने का कारण है कि शहर में लगे ट्यूबवैल से धड़ल्ले से पानी की सप्लाई आ रही है। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि 24 घंटे पानी की सप्लाई शुरू होने के साथ ही ट्यूबवैल्स से पानी सप्लाई नहीं ली जाएगी। इससे भूजल स्तर में काफी सुधार होगा।
सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड भी शहर में गिर रहे भूजल स्तर को लेकर चिंता जा चुका है। सुखना लेक के साथ लगते वीवीआईपी सेक्टर-3 में भूजल 53.64 मीटर बिलो ग्राउंड लेवल है। वहीं बुड़ैल में शैलो वाटर 2.75 मीटर बिलो ग्राउंड लेवल पर उपलब्ध है। एक छोर से शहर के दूसरे छोर में ही ग्राउंड वॉटर लेवल में 50 मीटर से अधिक का अंतर है। जो चिता बढ़ाने वाला है। भू-जल विभाग के अनुसार पिछले 10 सालों में शहर का भूजल स्तर 12 मीटर के करीब कम हुआ है। वहीं, नगर निगम के जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारी चाहते हैं कि भूजल स्तर में सुधार करने के लिए ट्यूबवैल्स से होने वाली पानी की सप्लाई को अभी से ही बंद कर दिया जाना चाहिए, लेकिन पार्षदों के दबाव के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा है। कजौली वाटर वर्क्स के छह फेजों से शहर में 87 एमजीडी पानी आ रहा है। स्मार्ट सिटी के अनुसार 24 घंटे पानी की सप्लाई होने से जो इस समय पानी की बर्बादी 30 फीसदी से ज्यादा हो रही है, वह भी 15 फीसदी से कम हो जाएगी।
मौजूदा समय में पानी की सप्लाई में लगभग 58 एमजीडी कजौली वाटर वर्क्स के फेज-1, 2, 3 और 4 से हो रही है। शेष 27 एमजीडी वाटर नगर निगम अपने 220 ट्यूबवैल्स से निकालता है। एक अप्रैल से पानी के रेट भी बढ़ गए हैं, जबकि नगर निगम दोपहर की सप्लाई बंद कर दी है। बीते साल गर्मी में दोपहर को पानी की सप्लाई मिलती थी। असल में घाटा कम करने के लिए नगर निगम दोपहर की सप्लाई बंद की है। नगर निगम ने पहले यह तय किया था कि कजौली वाटर वर्क्स से जब पांचवें और छठे फेज से पानी की सप्लाई शुरू होने के बाद ट्यूबवैल्स से पानी की सप्लाई बंद कर दी जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इन दोनों नए फेज से साल 2019 से 29 एमजीडी अतिरिक्त पानी सप्लाई हो रही है।
गौरतलब है कि हाल ही में चंडीगढ़ को 24 घंटे पेयजल आपूर्ति करने के प्रोजेक्ट पर केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। जल्द ही इस प्रोजेक्ट के लिए अंतिम मंजूरी वित्त मंत्रालय की ओर से मिल जाएगी। इसके बाद यूरोपियन यूनियन से इस प्रोजेक्ट के लिए 98 करोड़ रुपये की ग्रांट मिल जाएगी। इसके बाद फ्रांस की एएफडी कंपनी से यूटी प्रशासन का एमओयू साइन हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए इसी साल टेंडर हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर कुल 590 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से चंडीगढ़ देश में पहला शहर बनेगा जहां पर 24 घंटे पानी आएगा। पानी को स्टोरेज करने की जरूरत नहीं होगी।
गर्मी बढ़ने पर शहर में बढ़ी पानी की मांग
गर्मी बढ़ने के साथ चंडीगढ़ में पानी की किल्लत होने लगी है। क्योंकि पानी की मांग ज्यादा बढ़ गई है। हालाकि शहर में पानी की कमी नहीं है। पूरे देश के मुकाबले में चंडीगढ़ में प्रति व्यक्ति पानी की खपत सबसे ज्यादा है। देशभर में प्रति व्यक्ति औसतन 135 लीटर पानी प्रतिदिन इस्तेमाल करता है, वहीं चंडीगढ़ में प्रत्येक व्यक्ति 245 लीटर प्रतिदिन इस्तेमाल करता है। शहर में इस समय 105 एमजीडी पानी की मांग है। जबकि सर्दी में 70 से 75 एमजीडी की मांग होती है। कजौली वाटर वर्क्स के छह फेजों से शहर में 87 एमजीडी पानी आ रहा है। जबकि ट्यूवबेल से 20 से 22 एमजीडी पानी की सप्लाई होती है। ऐसे में कुल 107 एमजीडी पानी की सप्लाई शहरवासियों को हो रही है।