शिमला: चुनावी पोस्टर्स में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की तस्वीर का इस्तेमाल करने पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि मौजूदा वक्त के हिमाचल कांग्रेस के नेताओं में इतनी हिम्मत नहीं है कि वो अपने नाम से वोट मांग सके। इसलिए कांग्रेस वीरभद्र सिंह की तस्वीर का सहारा ले रही है।
कांग्रेसी नहीं करते अपने नेता का सम्मान
दरअसल मंडी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम जयराम ठाकुर से ओपीएस को लेकर सवाल हुआ था। जिस पर जयराम ठाकुर ने कहा कि ये फैसला साल 2003 में उस वक्त हुआ जब हिमाचल में कांग्रेस की सरकार थी और वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री थे। आज कांग्रेस वीरभद्र सिंह की तस्वीर लगाकर ओपीएस को लागू करने का वादा कर रही है. ये बताता है कि कांग्रेस अपने शीर्ष नेतृत्व के फैसले का सम्मान नहीं करती है। कांग्रेसियों की हिम्मत नहीं कि अपने नाम से वोट मांगे, वीरभद्र सिंह की तस्वीर का है सहारा।
वीरभद्र सिंह ने किए सबसे पहले एमओयू पर दस्तखत
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि ओपीएस एक मुद्दा है लेकिन कांग्रेस को भूलना नहीं चाहिए कि साल 2003 में जब ओपीएस आया तो हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह थे। एनपीएस लागू करने वाले वो पहले मुख्यमंत्री थे, उन्होंने ही सबसे पहले एमओयू पर साइन किया था। जयराम ठाकुर ने कहा कि आज जो कांग्रेसी ओपीएस की मांग कर रहे हैं वो उस वक्त कहां थे। 2003 के बाद 2012 में भी हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनी लेकिन ओपीएस को लागू नहीं करवाया गया। आज 20 साल के बाद इसे मुद्दा बनाया जा रहा है।
कांग्रेस को वीरभद्र सिंह का सहारा
गौरतलब है कि कांग्रेस पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के नाम पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस के पोस्टर पर वीरभद्र सिंह का चेहरा होता है और वीरभद्र सरकार की नीतियों का हवाला देकर ही वोट मांगे जा रहे हैं। चुनाव से पहले कांग्रेस आलाकमान ने भी वीरभद्र सिंह के नाम और चेहरे को भुनाने के लिए उनकी पत्नी और मंडी लोकसभा क्षेत्र से सांसद प्रतिभा सिंह को हिमाचल कांग्रेस की कमान सौंपी थी। अब कांग्रेस की जनसभाओं में होर्डिंग और पोस्टरों में वीरभद्र सिंह का चेहरा होता है, जिसपर जयराम ठाकुर ने तंज कसते हुए कहा कि मौजूदा समय में हिमाचल कांग्रेस के नेताओं की हिम्मत नहीं है कि अपने चेहरे पर वोट मांग सके, इसलिये वीरभद्र सिंह की तस्वीर और नाम पर वोट मांग रहे हैं।