कालका (सुभाष कोहली): उपमण्डल हस्पताल कालका के अधीन चल रहे डेंगू मामलों पर लगातार शिकंजा कसते हुए वरिष्ट चिकित्सा अधिकारी डॉ.राजीव नरवाल के दिशा निर्देश में स्वास्थ्य निरीक्षक सन्दीप कुमार की सुप्रविजन में सुभम गिल और अभिमन्यु, ब्रीडर चेकर संदीप, आशीष, रितेश, जगमेश, रेनू बाला, चंदा, राम, सचिन, राकेश, पुष्पेंद्र, राहुल, आदि की 10 टीमों ने भैरों की सेर, गांव टिपरा, टिपरा कॉलोनी, गांव टगरा शाहू, टगरा कली राम, टगरा हंशुआ के घर-घर जाकर चेकिंग की।
लगातार कंटेनर इंडेक्स घट कर 0.8 प्रतिशत रह गया है। अब तक कालका पिंजोर में डेंगू प्रमाणित 1 मौत हुई है। सोर्स रिडक्शन एक्टिविटी के दौरान लोगों को समझाया और डेंगू से बचाव के तरीके बता जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अपने कंटेनर में पानी स्टोर करो लेकिन उसे रूटीन में 2-3 दिन तक प्रयोग कर लो जिससे लार्वा ही पैदा नहीं होगा।
डा.नरवाल ने बताया कि उपमंडल हस्पताल कालका में दिनांक 03-10-2022 को 548 ओपीडी में से 164 बुखार के मरीज आए जिनमे से 82 की सीबीसी और पिंजौर कालका हस्पताल में कुल 51 एलाइजा टेस्ट हुए जिनमे पिछले टेस्ट समेत 45 पॉजिटिव पाए गए। बुखार के 20 मरीजों को एडमिट किया गया है पिछले एडमिट मरीज में से 12 को डिस्चार्ज कर दिया और एक मरीज को नागरिक हस्पताल पंचकुला के लिए रैफर किया गया है। एरिया में बारिश के दिनों में लोग पानी को अधिक स्टोरेज करते है जिससे लार्वा मिलता है इसलिए घर-घर जाने वाली टीम डेंगू जागरूकता के पम्पलेट, हेल्थ टाक्स दे रही है।
डेंगू से बचने के लिए लोगों को मोटिवेट कर रही है। डेंगू के प्रति जागरूक करने के माइक द्वारा अनाउंसमेंट भी करवाई जा रही है। डेंगू की घर-घर जाकर कर रही स्वास्थ्य विभाग की सोर्स डिडक्शन टीमों के साथ नगर परिषद की टीम फॉगिंग भी लगातार कर रही है। बारिश के दिनों में पानी इक्कठा होने से लार्वा हर छोटे से छोटे बर्तन में मिल सकता है जैसे बोतल का ढक्कन, बेकार पड़े छत पर जूते, टायर, दीवाली के दिये, कोई भी टूटा डिब्बा, गमला, बेकार हुई फूटबाल, प्लास्टिक फाइबर की शीट, आदि कोई भी कंटेनर में लार्वा मिलना लाजमी है, इसलिए पानी को खुले में इकट्ठा ना होने दें।