शिमला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में आएंगें और जनसभा को संबोधित करेंगे और यहीं से हिमाचल में विधानसभा चुनावों का भी शंखनाद करेंगे। मोदी बिलासपुर एम्स का लोकार्पण करने के बाद लुहणू में जनसभा करेंगे। पीएम मोदी के दौरे की तैयारियों का जायजा लेने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने बीते 2 अक्तूबर से बिलासपुर में डेरा डाला है। तब से नड्डा और सीएम जयराम व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर लगातार कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं।
मंगलवार को भी नड्डा और सीएम ने बार-बार सभा स्थल और एम्स का दौरा किया और व्यवस्थाओं को जांचा। तैयारियों में रही कमी को लेकर सभा स्थल के प्रभारी स्वदेश ठाकुर को दिशा-निर्देश भी दिए। स्वदेश ने कहा कि नड्डा के आदेशों के अनुसार पंडाल को पूरा किया गया है। लोगों को पानी और बैठने की पूरी व्यवस्था रहेगी। एम्स को भी लोकार्पण के लिए दुल्हन की तरह सजाया गया है। हर ब्लॉक में फूल मालाएं लगाई गई हैं। एम्स के बाहर भी जगह-जगह पीएम मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के होर्डिंग और कटआउट लगाए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि यह बिलासपुर में पहला मौका होगा जब नड्डा और प्रधानमंत्री एक साथ किसी मंच पर होंगे। पूरे शहर को भी कमल की लड़ियों और होर्डिंग्स से सजाया गया है। सभी स्थानीय विधायकों ने जनसभा के लिए लोगों को घर-घर जाकर निमंत्रण दिया है।
वहीं बिलासपुर के लुहणू मैदान में होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के लिए एचआरटीसी की 1,573 बसें बुक हैं। गुरुवार सुबह से बस सेवा पहले की तरह सामान्य हो जाएगी। रैली में ज्यादातर लोग हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से आएंगे, लेकिन बसों के इंतजाम सभी जिलों में किए गए हैं। इस कारण प्रदेश के लगभग हर जिले में बस सेवाएं प्रभावित होंगी।
उल्लेखनीय है कि एम्स बिलासपुर, 1,470 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित है। इस अत्याधुनिक अस्पताल में 18 स्पेशियलिटी और 17 सुपर स्पेशियलिटी विभाग, 18 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर, 64 आईसीयू बेड के साथ 750 बेड शामिल है। यह अस्पताल 247 एकड़ में फैला है। यह 24 घंटे आपातकालीन और डायलिसिस सुविधाओं, अल्ट्रासोनोग्राफी, सीटी स्कैन, एमआरआई आदि जैसी आधुनिक डायग्नोस्टिक मशीनों, अमृत फार्मेसी व जन औषधि केंद्र और 30 बिस्तरों वाले आयुष ब्लॉक से सुसज्जित है।
अस्पताल ने हिमाचल प्रदेश के जनजातीय और दुर्गम जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए डिजिटल स्वास्थ्य केंद्र भी स्थापित किया है। साथ ही, काजा, सलूनी और केलांग जैसे दुर्गम जनजातीय और अधिक ऊंचाई वाले हिमालयी क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से अस्पताल द्वारा विशेषज्ञों द्वारा स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी। इस अस्पताल में हर साल एमबीबीएस कोर्स के लिए 100 छात्रों और नर्सिंग कोर्स के लिए 60 छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा।