अम्बाला,(आरती दलाल): डीएवी स्कूल के विद्यार्थियों को गांव कलरेहड़ी में दौरा करवाया गया जिसमें विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों ने भी भाग लिया। कक्षा चौथी से छठी तक के विद्यार्थियों ने 'विश्व भू विविधता दिवस' पर पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में भाग लिया। कक्षा सातवीं से कक्षा 12वीं तक के विद्यार्थियों को गांव के तालाबों, कुओं और पेड़-पौधों का दौरा करवाया गया और विद्यार्थियों से उनसे संबंधित जानकारी ली गई।
भू विविधता काल में पृथ्वी की उत्पत्ति से लेकर आज तक के भू परिवर्तन, जिसमे जल,धरती ,चट्टानें ,गुफाएं ,खनिज और भूगर्भीय परिवर्तन से बनी हुई प्रत्येक वस्तु शामिल है के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दी गई।भू गर्भीय ,वातावरणीय एवम जलीय उत्परिवर्तन के दौरान इस दुनिया को वर्तमान स्वरूप लेने में करोड़ों वर्ष लगें हैं।जिसमे हमारा जैविक विकास भी शामिल है।
प्रधानाचार्या शीतल शर्मा ने विद्यार्थियों से विचार सांझा करते हुए कहा की पृथ्वी पर आए परिवर्तनों को चाहे उनमें कितना ही समय क्यों न लगा हो भू वैज्ञानिक भू विविधता में सम्मिलित करते हैं। यह परिवर्तन स्थाई तौर पर या परिवर्तनीय हो सकता है जो कि विभिन्न तत्वों पर निर्भर करता है। विशालकाय चट्टानें, उल्कापिंड के प्रहार से बनी हुई आकृतियां( जिन्हे" क्रेटर " भी कहा जाता है),विशाल और प्राचीन वृक्ष ,प्रकृति प्रदत्त अनुपम आकृतियां, लावा ,ज्वालामुखी के फटने से बनी पर्वतीय आकृतियां,संरचनाएं। वे सभी भौतिक ,भौगोलिक स्थिति वाली संरचनाएं जिनकी अभी वैज्ञानिक अनवरत खोज कर रहें हैं,इस विषय में सम्मिलित हैं।
सभी प्राकृतिक विरासतें जो भौतिक रूप से मानव समुदाय को प्राप्त हुई हैं, प्राकृतिक विरासतों की सूची में शामिल की जाती हैं ।जिसके लिए विश्व स्तरीय वैज्ञानिक ,यूनेस्को और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्य संस्थाएं अधिकृत है। वर्ष 2022 में 6 अक्टूबर को पूरे विश्व में यूनेस्को की और से मानव समुदाय को प्राप्त इन विरासतों के प्रति सम्पूर्ण विश्व को जागृत करने के उद्देश्य और इन विरासतों के संरक्षण के उद्देश्य से "विश्व भू विविधता दिवस" घोषित किया गया है। विद्यार्थियों को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रधानाचार्या शीतल शर्मा ने सभी विद्यार्थियों को हमारी स्थानीय भू विविधता विरासतों के संरक्षण और संवर्धन का संकल्प लेने की शपथ दिलाई।