मॉस्को के बाहर अंतरराष्ट्रीय विदेश नीति के विशेषज्ञों के एक सम्मेलन में पुतिन ने कहा, ‘‘ हमें उसकी जरूरत महसूस नहीं होती। इसका कोई मतलब नहीं है, न राजनीतिक और न ही सैन्य रूप से....।’’ उन्होंने अमेरिका और उसके सहयोगियों पर वर्चस्व के ‘‘ खतरनाक व खूनी’’ खेल में अन्य देशों को अपनी शर्तों पर चलाने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया।
रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर आक्रमण किया था। रूस की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने अमेरिका पर ‘‘बिना सोच-समझे’’ तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘ अमेरिका जितना युद्ध के मैदान में कीव शासन का समर्थन करेगा, परमाणु शक्तियों के बीच सीधे सैन्य टकराव का जोखिम उतना बढ़ेगा।’’ वहीं यूक्रेन ने खेरसॉन क्षेत्र और उसकी राजधानी को पुनः प्राप्त करने के लिए अपने आक्रामक अभियान को आगे बढ़ाया है। रूसी सेना ने युद्ध के शुरुआती दिनों में उसे अपने कब्जे में ले लिया था। क्षेत्र में क्रेमलिन द्वारा नियुक्त गवर्नर व्लादिमीर साल्डो ने बृहस्पतिवार को बताया कि खेरसॉन शहर क्षेत्र के 70,000 से अधिक निवासियों ने हाल के दिनों में शहर छोड़ा है।