चंडीगढ़: आने वाले दिनों में 125 साल से अधिक पुराने कालका-शिमला हेरिटेज रेल ट्रैक पर चलने वाली ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी। रेलवे की ओर से इस ओर कार्य करना शुरू भी कर दिया है। इस प्रोजेक्ट को लंबे समय से ठंडे बस्ते में डाला हुआ था लेकिन अब इसे जमीनी स्तर पर अमलीजामा पहनाने का कार्य शुरू हो गया है। जानकारी के अनुसार रफ्तार को बढ़ाने के लिए रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड आर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) की टेस्टिंग टीम ने ट्रायल शुरू कर दिया है। इसके बाद इस ट्रैक पर ट्रेन की स्पीड बढ़ेगी। इस ट्रायल के बाद कालका से शिमला का ट्रेन में सफर जल्द ही 4 घंटे से कम समय में तय होगा। फिलहाल अभी इस सफर को तय करने में ट्रेन पांच घंटे से अधिक का समय लेती है।
सेंसर लगा कर किया जा रहा ट्रायल:-
कालका-शिमला ट्रैक पर चलने वाली ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए आरडीएसओ (रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड आर्गेनाइजेशन) की टेस्टिंग टीम ने ट्रायल शुरू कर दिया है। ट्रेन की रफ्तार 25 किमी प्रति घंटा से बढ़ाकर 30 किमी प्रति घंटा करने की तैयारी है। आरडीएसओ लखनऊ की 13 सदस्यीय टेस्टिंग टीम ने शिमला और शोघी के बीच ट्रेन की रफ्तार बढ़ाने के लिए दूसरे चरण का ट्रायल शुरू कर दिया है। चार कोच और दो इंजन (लोको 701 और 708) वाली ट्रेन में सेंसर लगा कर ट्रायल किए जा रहे हैं।
ट्रायल के लिए कालका से लाए गए है इंजन:-
इसके लिए खासतौर पर कालका से इंजन लाए गए हैं। चलती गाड़ी में पिस्टन से सेंसर को क्षति न पहुंचे इसके लिए एहतियात बरती गई है। इंजन में स्पीडोमीटर, यूपीएस, कंट्रोलर, डाटा लॉगर और बैटरी फिट की है। कोच में इंसानों के वजन के बराबर रेत और पत्थर से भरे बोरे रखे हैं। वीरवार को ट्रायल के दौरान शिमला से शोघी की ओर ट्रेन 25 किमी प्रति घंटा की सामान्य रफ्तार से चलाई गई जबकि शोघी से शिमला की ओर 18 किलोमीटर की दूरी ट्रेन ने अधिकतम 33 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से तय की।
48 डिग्री के तीव्र घुमाव और सुरंगें चुनौती:-
कालका-शिमला ट्रैक पर 48 डिग्री तक तीव्र घुमावदार मोड़ हैं। इन पर ट्रेन की स्पीड बढ़ाना पेचीदा काम है। कई जगह हर सौ से डेढ़ सौ मीटर पर टनल हैं जिससेे गति बढ़ाने में समस्या पेश आ सकती है। आरडीएसओ की टीम ट्रेन की रफ्तार मानकों के अनुसार जीपीएस से मापना चाहती है पर टनल के भीतर जीपीएस सही से काम नहीं करता।
रफ्तार बढ़ाने पर रेलवे बोर्ड लेगा अंतिम फैसला
गाड़ियों की रफ्तार बढ़ाने को लेकर तीसरे चरण के ट्रायल के बाद आरडीएसओ लखनऊ की टीम विस्तृत रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेजेगी। रिपोर्ट का आंकलन करने के बाद रेलवे बोर्ड गाडि़यों की रफ्तार बढ़ाने को लेकर अंतिम फैसला लेगा। दूसरे चरण का ट्रायल पूरा होने के बाद इसी माह तीसरे चरण का ट्रायल करने की योजना है।
अगले साल पर्यटकों की संख्या की ओर बढ़ोतरी होने की आशंका:-
सूत्रों की माने तो इस साल रिकार्ड यात्रियों ने कालका-शिमला हेरिटेज रेल ट्रैक पर सफर किया है। एक आंकड़ों के अनुसार 25 दिसंबर 2022 से लेकर 5 जनवरी 2023 तक करीब 21 हजार से उपर यात्री ट्रेन में सफर कर चुके है। वहीं साल 2024 के लिए रेलवे अभी से तैयारियों में जुट गया है। अगले साल कालका-शिमला हेरिटेज रेल ट्रैक पर यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी होने के पूरे चांस है।