चंडीगढ़: तनाव को दूर करने में राजयोग अहम भूमिका निभाता है। यह बात सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल सेक्टर-32 के विशेषज्ञों द्वारा किए गए शोध में साबित हो गया है। इसी आधार पर परीक्षा की तैयारी जैसे गंभीर तनाव से युवाओं को बचाया जा सकता है और युवा एकाग्र होकर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। वहीं अवसाद जैसी अवस्था में पहुंचने से भी बचा जा सकता है। मेडिकल कॉलेज के फिजियोलॉजी विभाग की डॉ. अन्मेहा भगत ने विभाग की प्रमुख डॉ. अनीता मल्होत्रा के साथ मिलकर यह शोध पूरा किया है। इसमें एमबीबीएस के छात्रों पर परीक्षा के तनाव को कम करने के लिए राजयोग को माध्यम के रूप में प्रयोग किया गया और उम्मीद के अनुसार सफलता प्राप्त की गई। इस शोध को एनल्स ऑफ न्यूरोसाइंस में प्रकाशित किया गया है।
डॉ. अनीता ने बताया कि हमारे अंदर दो तरह का नर्वस सिस्टम काम करता है। पहला सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम और दूसरा पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम। पहले वाले सिस्टम के सक्रिय होने पर तनाव बढ़ जाता है जबकि दूसरे सिस्टम से प्रक्रिया सामान्य रूप से संचालित होती है इसलिए तनाव बढ़ाने वाले सिस्टम पर काबू के लिए राजयोग का सहारा लिया गया। जानकारी के मुताबिक राजयोग करने से नकारात्मक विचार नहीं आते और मन अंदर से सुख की अनुभूति करता है। इसके जरिये हम शक्ति, पवित्रता, प्यार, सुकून, खुशी का अहसास महसूस करते हैं। इससे आसपास एक पॉजिटिव एनर्जी बनती है जिससे आप कई बीमारियों से मुक्ति पा सकते हैं।
100 छात्रों के दो समूहों पर किया गया शोध:
जानकारी के मुताबिक कॉलेज के एमबीबीएस के 100 छात्रों पर शोध किया गया। सभी को दो वर्गों में बांटा गया। एक वर्ग को एक महीने तक तय प्रारूप के अनुसार राजयोग कराया गया जबकि दूसरे ग्रुप में शामिल छात्रों ने इसे नहीं किया। योग सत्र से पहले दोनों वर्गों में शामिल छात्रों का ऑटोमेटिक फंक्शन टेस्ट और हार्ट वेरी एबिलिटी टेस्ट किया गया। एक महीने बाद पुन: दोनों ग्रुप के छात्रों की यही जांचें की गईं। जिस ग्रुप के छात्रों ने राजयोग किया था उनमें टेस्ट की रिपोर्ट सामान्य पाई गई जबकि जिस ग्रुप को राजयोग नहीं कराया गया उसके छात्रों में तनाव का स्तर काफी बढ़ा हुआ पाया गया। परीक्षा की तैयारी को लेकर वे तनाव के कारण अवसाद की ओर अग्रसर हो रहे थे जबकि राजयोग करने वाले ग्रुप के छात्र एकाग्र होकर तैयारी करने में जुटे थे।
राजयोग करने का तरीका:
राजयोग एक ऐसा योग है जिसे हर कोई कर सकता है। इसमें कोई धार्मिक प्रक्रिया या मंत्र आदि नहीं होते। इसे कहीं भी और किसी भी समय किया जा सकता है। राजयोग को आंख खोलकर किया जाता है इसलिए यह योग सरल और आसान है। योग एक ऐसी स्थिति है, जिसमें हम अपनी रोजमर्रा की चिंता को छोडक़रआध्यात्मिक सशक्तीकरण का आरंभ करते हैं। आध्यात्मिक जागृति हमें व्यर्थ और नकारात्मक भावों से दूर कर अच्छे और सकारात्मक विचार चुनने की शक्ति देता है।