चंडीगढ : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ‘ग्राम सरंक्षक संवाद कार्यक्रम’ के तहत आज यहां ऑडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्राम-संरक्षकों से संवाद करते हुए उन्हें जमीनी स्तर पर गांवों में हो रहे कार्यों का मौके पर जाकर आंकलन कर सरकार को फीडबैक रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए, ताकि विकास कार्यों से जुड़े संबंधित विभागों को इसकी जानकारी दी जा सके। यदि कहीं कोई कमी होगी तो उसमें तुरंत सुधार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्राम संरक्षकों को गांवों को परिवार मानकर सेवा भाव से कार्य करना चाहिए।
लगभग 1.30 घंटे चले इस संवाद कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने सभी 22 जिलों के श्रेणी- 1 के अधिकारी, जो ग्राम संरक्षक नामित किए गए हैं, से उनके द्वारा निरीक्षण किए गए कार्यों की जानकारी ली।
मनोहर लाल ने कहा कि विकास का रास्ता गांव से होकर जाता है, जब गांवों का विकास होगा, तभी प्रदेश का समुचित विकास सुनिश्चित होगा। इसलिए संरक्षकों को विशेष रूप से गांवों में हो रहे विकास कार्यों का निरीक्षण करें। मुख्य रूप से पार्क एवं व्यायामशाला, आंगनवाड़ी केंद्रों, शिवधाम नवीनीकरण योजना के तहत शमशान घाट में चारदीवारी, पानी की व्यवस्था, शेड और पक्का रास्ता आदि कार्यों की समीक्षा कर रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड करें।
इसके अलावा, ग्राम संरक्षक गांवों में 25 हजार से कम वार्षिक आय वाले परिवारों से भी संपर्क करें और अपनी रिपोर्ट भेजें, ताकि सरकार ऐसे परिवारों को मुख्य धारा में लाने के लिए विशेष प्रयास कर सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के माध्यम से विशेष कैंप लगवाकर ऐसे परिवारों के सदस्यों को रोजगार मुहैया करवाएंगे, ताकि उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके।
उन्होंने कहा कि वर्ष में कम से कम 6 बार ग्राम सभाओं की बैठकों का आयोजन होना चाहिए। ग्राम संरक्षक सरपंचों के साथ समन्वय स्थापित कर इन सभाओं का आयोजन कर ग्रामीणों को सरकार की अन्य योजनाओं से भी अवगत करवाएं व उन्हे जागरूक करें।