दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को सरकारी विभागों और संगठनों में नवनियुक्त करीब 71,426 कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र सौंपे और कहा कि रोजगार मेले उनकी सरकार की पहचान बन गए हैं तथा भर्ती प्रक्रिया सुव्यवस्थित व पारदर्शी हुई है। प्रधानमंत्री ने 10 लाख कर्मियों के लिए भर्ती अभियान 'रोजगार मेला' के तहत वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से ये नियुक्ति पत्र सौंपे। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम साफ दर्शाता है कि उनकी सरकार जो संकल्प लेती है, उसे पूरा करके भी दिखाती है। मोदी ने कहा, ‘‘निरंतर होते ये रोजगार मेले अब हमारी सरकार की पहचान बन गए हैं। ये दिखाता है कि किस तरह हमारी सरकार जो संकल्प लेती है, उसे सिद्ध करके दिखाती है।’’.
रोजगार मेले के तहत नियुक्ति पत्र वितरण का यह तीसरा चरण था। गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में आयोजित रोजगार मेले के दौरान विभिन्न पदों पर चयनित 71 हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र सौपे गए थे। इससे पहले, अक्टूबर महीने में रोजगार मेले के माध्यम से करीब 75 हजार नए कर्मियों को नियुक्ति पत्र दिए गए थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में भर्ती प्रक्रिया में व्यापक बदलाव हुआ है और केंद्रीय सेवाओं में भर्ती प्रक्रिया पहले की तुलना में ज्यादा सुव्यवस्थित और समयबद्ध बनी है। उन्होंने कहा, ‘‘पारदर्शी तरीके से भर्ती और पदोन्नति युवाओं में भरोसा जगाती है। ये पारदर्शिता उन्हें बेहतर तैयारी के साथ प्रतियोगिताओं में उतरने के लिए प्रेरित करती है। हमारी सरकार इस दिशा में निरंतर काम कर रही है।’’.
नियुक्ति पत्र सौंपे जाने से पहले नवनियुक्त कर्मियों ने कर्मयोगी प्रारंभ मॉड्यूल के बारे में प्रधानमंत्री से अपने अनुभव साझा किए। पश्चिम बंगाल की सुप्रभा, कश्मीर के श्रीनगर के फैजल शौकत शाह, बिहार के दिव्यांग राजू कुमार और तेलंगाना के वायसी कृष्णा सहित कुछ युवाओं ने प्रधानमंत्री को अपने संघर्षों और अनुभवों के बारे में बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि नियुक्ति पत्र पाने वाले युवाओं में ज्यादातर बहुत ही सामान्य परिवार के हैं और इनमें कई ऐसे युवा हैं, जो पांच पीढ़ियों में सरकारी नौकरी पाने वाले वाले परिवार के पहले सदस्य हैं।