चंडीगढ़ (वैभव शर्मा): भारत को पहली बार जी-20 की अध्यक्षता मिली है। ऐसे में इस सम्मेलन के लिए कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है। भारत की अध्यक्षता में जी20 के पहले अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना कार्य समूह की बैठक आज से शुरू होगी और सोमवार तक आयोजित की जाएगी। इसको लेकर रविवार को जानकारी दी गई कि भारत में जी20 का आयोजित होना भारत के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। इस मंच पर कई देशों के प्रतिनिधि पहुंचेंगे जिनसे वार्तालाप के जरिए आने वाली समस्याओं से लेकर कुछ और नए स्टार्टअप को शुरू किया जा सकेगा। कार्यक्रम में बताया गया कि कैसे कोरोना महामारी के दौरान सभी देशों पर आर्थिक संकट आ गया था और कई देश तो अभी तक इसकी मार से उठ नहीं सके हैं। ऐसे में जी20 में इंटरनेशनल फाइनेंस को मजबूती दी जाए, यही जी20 मीट का लक्ष्य भी है।
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना कार्य समूह जी20 वित्त ट्रैक के तहत महत्वपूर्ण कार्यधाराओं में से एक है, जो कि अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित रखता है। इसका उद्देश्य कमजोर देशों के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों का समाधान करना भी होगा। दो दिवसीय बैठक में भाग लेने के लिए जी20 के सदस्यों, आमंत्रित देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के लगभग 100 प्रतिनिधि चंडीगढ़ पहुंच चुके है। आज होने वाली बैठक का उद्घाटन केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस करेंगे। दो दिवसीय बैठक के दौरान चर्चा, संयुक्त रूप से वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा, और साथ में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना कार्य समूह के सह-अध्यक्षों, फ्रांस और दक्षिण कोरिया द्वारा संचालित की जाएगी।
वहीं कार्यक्रम में ग्लोबल इकनॉमी पर काफी जोर दिया जाएगा जो इस समय वक्त की मांग है। भारत की नीतियों की वजह से आज देश में इकनॉमी काफी बेहतर है। एक टारगेट सेट करके हर देश इस पर काम कर रहा है। कार्यक्रम में आने वाले समय में चुनौतियों से कैसे निपटा जाए, इस पा भी चर्चा होगी। इंडिया के पायलट प्रोजेक्ट दूसरे देशों के साथ शेयर किए जाएंगे और दूसरे देशों से भी प्रोजेक्ट की जानकारी ली जाएगी। जी 20 के दूसरे दौर में साइबर क्राइम पर चर्चा होगी जोकि आज के समय हर देश के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक हैं। इस पर सभी देश मिलकर कार्य करेंगे। जी20 में नेटवर्क, इंसिट्यूशनल को कैसे स्ट्रॉन्ग किए जाए इस पर चर्चा होगी।
बैठक में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संरचना की स्थिरता और सामंजस्य को बढ़ाने के तरीकों और 21वीं सदी की वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए इसे कैसे योग्य बनाया जाए, इस पर चर्चा होगी। बैठक में गरीब और कमजोर देशों को अधिकतम सहायता प्रदान करने के तरीके ढूँढने पर भी ध्यान दिया जाएगा। आज जी20 कार्य समूह की बैठक के मौके पर सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्राएं (सीबीडीसी) अवसर और चुनौतियां नामक जी20 का एक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन का उद्देश्य देश के अनुभवों को साझा करना और सीबीडीसी के वृहत् यथोचित निहितार्थों की गहरी समझ विकसित करना है।
इस बैठक से पहले चंडीगढ़ में शहर भर में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जो भारत की अध्यक्षता के तहत जी 20 कार्यक्रमों में व्यापक जन-भागीदारी और रुचि का संकेत देते हैं। चंडीगढ़ में 25 जनवरी को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसीज: द इंडियन स्टोरी पर एक संगोष्ठी भी आयोजित की गई थी।