चंडीगढ़: नेशनल अकाडमी ऑफ़ इंडियन रेलवे ने भारतीय रेलवे में इंटीग्रेशन ऑफ ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर एक वर्कशॉप में का आयोजन किया। इसके तहत चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर ब्लॉकचैन एक्सपर्ट नरेंद्र शुक्ला सीटीओ चैन कोड कन्सल्टिंग एलएलपी ने भारतीय रेलवे में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की विस्तृत प्रेजेंटेशन दी। इस प्रेजेंटेशन को 52 रेलवे अधिकारियों ने खासी तवज्जो भी दी। वर्कशॉप में प्रमुख भूमिका निभाई डॉक्टर सत्य एन गुप्ता अध्यक्ष उत्पादकता फोरम, एनएआईआर के महा निर्देशक सुधीर कुमार और चेनकोड कन्सल्टिंग एलएलपी के आलोक गुप्ता व नरेंद्र शुक्ला ने। उन्होंने वर्कशॉप में भारतीय रेलवे को री-इंजीनियर और डे टू डे ऑपरेशन को बेहतर करने की डेमोंस्ट्रेशन दी। उनका कहना है कि ब्लॉकचेन रेल उद्योग के काम करने के तरीके को बदल रहा है।
आईओटी डिवाइस, सेंसर और स्मार्ट कॉन्ट्रेक्ट्स की मदद से रेलवे व्यवस्था को भरपूर विकसित कर मौजूदा समस्या करने वाली चुनौतियों का सुगम निवारण किया जा सकता है। स्मार्ट कॉन्ट्रेक्ट्स रेलवे मेंटेनेंस प्रोसेस को भी अभूतपूर्व सरलता देते हैं। इसके अलावा यूनिफाइड सर्टिफिकेट वेलिडेशन को डिजिटाइजेशन व एनएफटी सर्टिफिकेट द्वारा हल किया जा सकता है। ब्लॉकचेन तकनीक को लागू करके, भारतीय रेलवे का उद्देश्य पारदर्शिता, पता लगाने की क्षमता और जवाबदेही के माध्यम से विश्वास बढ़ाना, त्रुटियों को कम करना और सिस्टम में दक्षता में सुधार करना और समग्र ग्राहक अनुभव और समावेशन को बढ़ाना है।
प्रक्रिया को शुरू करने के लिए, कंपनी ने नेशनल अकाडमी ऑफ इंडिया रेलवे के साथ साझेदारी में, हाल ही में वडोदरा में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और इसके कार्यान्वयन पर कार्यशाला का सह-आयोजन किया। इस मौके पर चैन कोड कन्सल्टिंग का ब्लॉकचैन उत्पाद- एनएफ ट्रेस को भी पेश किया। कार्यशाला के प्रतिभागियों के लिए एनएफ ट्रेस और पॉलीगॉन पारिस्थितिकी तंत्र का उपयोग करते हुए भौतिक-डिजिटल हाइब्रिड गैर-बदली जाने योग्य टोकन एनएफ ट्रेस भागीदारी प्रमाणपत्र जारी किया।