चंडीगढ़: मोहाली में पक्के मोर्चे को हटाने के लिए दायर जनहित याचिका में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। बीते 7 जनवरी से सिख बंदियों की रिहाई को लेकर वाईपीएस चौक पर प्रदर्शनकारियों ने कब्जा किया हुआ है। वहीं स्वयं सेवी संस्था अराइव सेफ सोसायटी ने इसे हटाने के लिए याचिका दायर की हुई है। फिलहाल धरना प्रदर्शन वाईपीएस चौक से करीब एक सौ मीटर दूर खाली जगह पर जारी है।
एसएसपी मोहाली ने कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दायर कर कहा है कि मोर्चा लगाने वालों में महिला व बच्चे भी शामिल हैं। ऐसे में सख्ती की तो कानून व्यवस्था बिगड़ने का डर है। पंजाब के एडवोकेट जनरल की तरफ से समय दिए जाने की मांग पर जस्टिस एजी मसीह व जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने सुनवाई स्थगित करते हुए मामले पर 11 अप्रैल के लिए सुनवाई तय की है। याची पक्ष की तरफ से इस मामले में चंडीगढ़ प्रशासन के प्रशासक के सलाहकार, गृह सचिव, डीसी, डीजीपी और एसएसपी को मामले में पार्टी बनाए जाने की मांग की। कोर्ट ने मांग मंजूर कर प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी।
हाईकोर्ट में दी गई स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया कि अब तक सिविल और पुलिस प्रशासन की धरना देने वाले नेताओं से 15 बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों में पंजाब के वित्त मंत्री, शहरी विकास मंत्री, एडीजीपी लॉ एंड आर्डर, रोपड़ रेंज के आईजीपी और मोहाली के एसएसपी शामिल रहे हैं। एसएसपी ने स्टेटस रिपोर्ट में कहा कि आठ फरवरी 2023 से तीन एसपी व छह डीएसपी के साथ 425 पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है।
स्वयंसेवी संस्था अराइव सेफ सोसायटी की तरफ से याचिका में कहा गया कि पंजाब सरकार व संबंधित अफसरों को आदेश दिए जाएं कि मोहाली के वाईपीएस चौक, फेज 7 व फेज 3 ए में प्रदर्शनकारियों द्वारा किए गए अतिक्रमण को जल्द हटाया जाए। जनवरी महीने से लगाए गए इस मोर्चे से आम लोगों को वहां से गुजरने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों की जान-माल और स्वतंत्रता की सुरक्षा की जाए।