चंडीगढ़ (वैभव शर्मा): खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स जैसे आयोजनों से खिलाड़ियों और खेल को प्रोत्साहित करने वाली सरकारी और निजी एजेंसियों को दोनों को फायदा है। खिलाड़ियों को यहां राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा को निखारने का मौका मिल रहा है वहीं निजी और ओएनजीसी, टाटा और जिंदल ग्रुप जैसी कंपनियों को खेल कोटे के लिए युवा और प्रतिभावान खिलाड़ी को चुनने का मौका मिल रहा है। यह कहना है बीएचयू स्पोर्ट्स बोर्ड के असिस्टेंट डायरेक्टर हरीराम यादव का।
बीते दो दशक से खिलाड़ी और प्रशिक्षण के तौर पर कुश्ती को अपनी सेवाएं दे रहे हरीराम यादव यहां खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में ऑफिशियल की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। इस बार दो सौ से अधिक विश्वविद्यालयों के 4000 से अधिक एथलीट इस टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे हैं। यह एक बड़ी संख्या है। जिस तरह से खिलाड़ियों को सुविधाएं मिल रही हैं, आने वाले सालों में प्रतिभागियों की संख्या में इजाफा होना लाजिमी है।
कुश्ती कोच हरीराम ने बताया कि आल इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में शीर्ष आठ स्थानों पर रहने वाले खिलाड़ियों को ही यहां मौका दिया गया है। कहा जा सकता है इस तरह के टूर्नामेंट में राष्ट्रीय टीम की बेंच स्ट्रेंथ मजबूत होगी। कहा कि युवा खिलाड़ियों के लिए यह एक बडा प्लेटफार्म है। बकौल हरीराम, इस टूर्नामेंट को मिल रहे मीडिया कवरेज से भी खिलाड़ियों को बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी। इलेक्ट्रानिक न्यूज चैनल हों या प्रिंट मीडिया दोनों की जगहों पर इस टूर्नामेंट को काफी कवरेज मिल रहा है। सोशल मीडिया पर भी काफी कुछ देखने को मिल रहा है। कुल मिलाकर इस भव्य आयोजन से खेलों का भविष्य संवर रहा है।