- by Vinita Kohli
- Jan, 02, 2025 05:50
चंडीगढ़: सेक्टर-32 स्थित गोस्वामी गणेश दत्त सनातन धर्म कॉलेज ने अपने इंस्टीट्यूशंस इनोवेशन काउंसिल (आईआईसी) और शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के बैनर तले वीरवार को आइडियाथॉन 3.0 का आयोजन किया - जो छात्रों के बीच नवीन सोच और उद्यमशीलता के उत्साह को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया एक गतिशील मंच है। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि चंडीगढ़ के उद्योग विभाग में कार्यरत कंसलटेंट (रेगुलेटरी एंड पॉलिसी) विजयता के स्वागत के साथ हुई। इस क्षेत्र में उनकी विशेषज्ञता और अनुभव ने इस कार्यक्रम को और भी महत्वपूर्ण बना दिया, तथा युवा उद्यमियों के भविष्य को आकार देने में पॉलिसी और इनोवेशन के महत्व को सुदृढ़ किया। उद्घाटन कार्यक्रम के बाद, स्टूडेंट्स ने उपस्थित दर्शकों के सामने अपने इनोवेटिव आइडियाज प्रस्तुत करके उत्साहपूर्वक भाग लिया।
आइडियाथॉन 3.0 में 50 से अधिक युवा छात्रों ने समकालीन चुनौतियों के रचनात्मक समाधान प्रस्तुत किए और अपनी विश्लेषणात्मक सोच, समस्या-समाधान क्षमताओं और उद्यमशीलता की भावना का प्रदर्शन किया। इसके बाद एक इंटरैक्टिव डिस्कशन और प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जीजीडीएसडी कॉलेज के प्रिंसिपल और इंस्टीट्यूशंस इनोवेशन काउंसिल के प्रेसिडेंट डॉ. अजय शर्मा के निरंतर समर्थन और मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। आईआईसी के संयोजक डॉ. विक्रम सागर और इस आयोजन की इनोवेशन अंबैसडर डॉ. मीनू गुप्ता ने छात्रों को मार्गदर्शन देने और पूरी प्रतियोगिता के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एसडीटीबीआई के प्रभारी डॉ. जे.के. शर्मा ने प्रतियोगिता के निर्णायक की भूमिका निभाई और युवा छात्रों को नवीन विचारों के प्रति प्रेरित किया। कार्यक्रम का समापन मुख्य अतिथि विजयता और उनकी टीम को उनके व्यावहारिक योगदान और प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। आइडियाथॉन 3.0 इनोवेशन और एंट्रप्रेन्योरशिप का एक समृद्ध इकोसिस्टम बनाने के लिए कॉलेज के चल रहे प्रयासों में एक और सफल कदम साबित हुआ।
आईआईसी ने किया एक्सपर्ट सैशंस का आयोजन
कॉलेज के आईआईसी ने छात्रों के बीच उद्यमशीलता की भावना और नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक दिवसीय एक्सपर्ट सैशंस का आयोजन भी किया। इस सत्र में कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अजय शर्मा मौजूद रहे। कॉलेज के रजिस्ट्रार डॉ. आशुतोष शर्मा ने मुख्य वक्ता आदिराज अहलूवालिया का पौधा भेंट करके स्वागत किया। कार्यक्रमों का संचालन इनोवेशन अंबैसडर्स डॉ. पूजा मोहन और डॉ. अर्चना गोयल तथा संयोजक डॉ. विक्रम सागर के मार्गदर्शन में किया गया। इकोसिस्टम डेवलपमेंट मैनेजर आदिराज अहलूवालिया ने पहले सैशन में बताया कि कैसे बडिंग एंट्रप्रेन्योर्स लीन मैथडोलॉजी का उपयोग करके अपने नवीन विचारों को प्रभावशाली उद्यमों में बदल सकते हैं।
उन्होंने न्यूनतम व्यवहार्य उत्पाद (एमवीपी) बनाने के महत्व को समझाया - जो आवश्यक विशेषताओं के साथ उत्पाद का एक मूल संस्करण है - ताकि शुरुआती उपयोगकर्ताओं को आकर्षित किया जा सके, व्यावसायिक विचारों को मान्य किया जा सके और संसाधनों का अनुकूलन किया जा सके। दूसरे सत्र में, अहलूवालिया ने स्टार्ट-अप फाइनेंसिंग के मूल सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि किस प्रकार युवा इनोवेटर्स वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं, तथा उन्होंने मजबूत व्यवसाय मॉडल, निवेशक-तैयार प्रस्ताव और निवेशकों की मानसिकता को समझने के महत्व पर बल दिया। डॉ. अजय शर्मा ने आईआईसी की सराहना की, जिसने लगातार सार्थक शिक्षण के अवसर पैदा किए हैं, जो छात्रों को आज की तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था में उद्यमशीलता की सफलता के लिए तैयार करते हैं।