- by Vinita Kohli
- Jan, 02, 2025 05:50
चंडीगढ़ : शहर के गवर्नमेंट और प्राइवेट कॉलेजों में वर्ष 2025-26 सत्र में दाखिले के लिए ज्वाइंट प्रास्पेक्टस शुक्रवार को जारी होगा। प्रास्पेक्टस जारी होने के बाद डीएचई के पोर्टल पर दाखिले का शेड्यूल आएगा और सेंट्रलाइज्ड कोर्सों के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। पूरी दाखिला प्रक्रिया आनलाइन होगी। स्पिक इसके लिए साफ्टवेयर तैयार करता है। आवेदन से लेकर मेरिट लिस्ट जारी करने और फीस तक पूरा प्रॉसेस स्टूडेंट्स घर बैठे ही कर सकेंगे। सीबीएसई बारहवीं का परिणाम घोषित होने के करीब एक माह बाद शहर के कॉलेजों में दाखिला प्रक्रिया शुरू हो हो रही है। शहर के सरकारी कालेजों में आगामी सत्र से कुछ पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) कोर्स बंद करने के फैसले में देरी होने के कारण दाखिला प्रक्रिया शुरू होने में विलंब हो गया है। सूत्रों के अनुसार प्रशासन ने तय किया है कि पीजी कोर्स बंद करने की जगह उन्हें दूसरे कॉलेजों में ट्रांसफऱ किया जाएगा। जिन कॉलेजों में पीजी कोर्स पढ़ाने के लिए स्टाफ अधिक है वहां उस कोर्स को पढ़ाया जाएगा। इस फैसले के बाद अब शुक्रवार को सरकारी कॉलेजों का ज्वाइंट प्रास्पेक्टस रिलीज किया जा रहा है। यूटी प्रशासन ने सरकारी कालेजों की आडिट और रेशनलाइजेशन कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकारी कॉलेजों में पीजी सहित कुछ अन्य कोर्स को बंद करने का प्रस्ताव था। इस फैसले में देरी के कारण यूटी प्रशासन के उच्च शिक्षा विभाग (डीएचई) की ओर से अभी तक प्रास्पेक्टस जारी नहीं किया गया था।
शहर के प्राइवेट कॉलेजों ने अपने प्रास्पेक्टस जारी कर दिए हैं, लेकिन उन्हें भी डीएचई के पोर्टल पर दाखिले के शेड्यूल का इंतजार है। शहर में 11 डिग्री कालेज है जिनमें 85-15 के अनुपात से करीब 23 हजार स्टूडेंट्स को प्रति वर्ष दाखिला मिलता है। कई सरकारी कालेजों में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स स्तर पर कई वर्षों से चल रही पीजी कक्षाओं में विद्यार्थियों की संख्या उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षकों के बराबर है। इन कोर्स को प्रिंसिपल बिना प्रशासन की मंजूरी लिए चलाते रहे और कांट्रेक्ट या गेस्ट फैकल्टी को लाखों रुपये वेतन के तौर पर देते रहे। मामले में जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद यूटी प्रशासन को पीजी कोर्स को वित्तीय अनिमितताओं के कारण बंद करना पड़ेगा। रेशनलाइजेशन रिपोर्ट में कॉलेजों से स्टूडेंट्स और शिक्षकों की रेशों के आंकड़े काफी चौकाने वाले हैं। सरकारी कॉलेजों में म्यूजिक, फाइन आर्ट्स जैसे पीजी कोर्स में सिर्फ 5-5 स्टूडेंट्स पाए गए हैं। कई कोर्स में स्टूडेंटस की एनरोलमेंट 10 है, जबकि परीक्षा में अपीयर होने वाले आधे भी नहीं। आडिट रिपोर्ट अनुसार कालेजों में जानबूझकर कोर्स चलाने की कोशिश की गई। पीजी स्तर की कक्षाओं के लिए प्रशासन की ओर से एक भी पोस्ट मंजूर नहीं कराई गई है। सरकारी कालेजों में प्रिंसिपल स्तर पर हुई वित्तीय गड़बड़ी की जांच में करीब तीन करोड़ तक गोलमाल की जानकारी हाथ लगी है, जोकि गलत तरीके से वेतन के तौर पर जारी हुआ है।