Sunday, Dec 7, 2025

चंडीगढ़ में आज से 11 सेक्टरों में 95 साइट्स पर शुरू होगी ग्रीन पटाखों की बिक्री, प्रशासन ने जारी किए हैं अस्थाई लाइसेंस


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चंडीगढ़: चंडीगढ़ शहर में शनिवार से ग्रीन पटाखों की बिक्री शुरू हो जाएगी। शनिवार को शहर में 11 सेक्टरों में अलग अलग साइट्स पर ग्रीन पटाखे के स्टाल लगा दिए जाएंगे और सोमवार रात तक पटाखों की बिक्री हो सकेगी। प्रशासन की तरफ से  ड्रा में निकले 95 विक्रेताओं को ग्रीन पटाखों को बेचने के लिए तीन दिन के लिए अस्थाई लाइसेंस जारी किए गए हैं। इस साल ग्रीन पटाखों की बिक्री के लिए ड्रा निकालकर 95 लोगों को लाइसेंस दिए गए हैं। सेक्टर 23 स्थित बाल भवन में ड्रॉ निकाला गया था। इस बार प्रशासन ने पहली बार दिवाली से डेढ़ माह पहले ही ड्रा निकाल लिया था, ताकि विक्रेता समय पर पटाखे खरीद सकें। कुल 3030 लोगों ने लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। इनमें से 95 के नाम ड्रा में निकाले गए। 

प्रशासन ने सेक्टर-24 वाल्मीकि मंदिर के पास, सेक्टर-28 गुरुद्वारा के पास, सेक्टर-29 पंप के पास, सेक्टर- 30 आरबीआई कालोनी के पास, सेक्टर-33 में चौक के पास, सेक्टर-37 मंदिर के पास, सेक्टर-43 दशहरा ग्राउंड, सेक्टर- 46 चौक के पास और सेक्टर-49 में रयान इंटरनेशनल स्कूल के पास पटाखों की बिक्री के लिए साइट्स तय की गई हैं, जहां पर पटाखों के स्टाल लगाए जाएंगे। यहां पर शहरवासी पटाखे खरीद सकते हैं। प्रशासन की ओर से आनलाइन पटाखे खरीदने पर रोक लगाई हुई है।

वहीं, आगजनी या किसी भी आपातकालीन घटना से निपटने के लिए सभी 95 स्टॉलों पर पूरा इंतजाम होगा। पटाखे के स्टाल के पास रेत से भरी बालटियां, पानी और अग्निशमन का इंतजाम भी होगा। चंडीगढ़ प्रशासन पिछले साल की तरह ही इस साल भी नियम और शर्तों के साथ ही दो घंटे ग्रीन पटाखे जलाने की मंजूरी दी है। प्रशासन के अनुसार, दिवाली के दिन शहरवासियों को रात आठ से दस बजे तक ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी गई है। इसके लिए अलग से अधिसूचना जारी की गई है।   

अधिकारियों के अनुसार ग्रीन पटाखों के अलावा अगर अन्य कोई भी पटाखा किसी स्टाल पर बिकते पाए जाते हैं तो उस विक्रेता पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए शहर को तीन जोन में बांटकर अलग-अलग टीमें बनाई है, जो पटाखों की बिक्री की निगरानी करेंगी। टीमें हर स्टॉल की चेकिंग करेंगी। जिसके नाम पर लाइसेंस अलॉट हुआ है, अगर वह मौके पर नहीं पाया जाता है तो लाइसेंस रद कर बाकी कार्रवाई की जाएगी। क्योंकि कुछ लोग अपना लाइसेंस सबलेट कर देते हैं। स्टॉल पर अगर नकली ग्रीन पटाखे बेचते हुए किसी को पाया जाता है तो इन्हें टीमें जब्त करेंगी और आगे संबंधित पटाखा विक्रेता का लाइसेंस रद्द करने के लिए सिफारिश करेगी।

 


क्यूआर कोड से करें ग्रीन पटाखों की पहचान 

ग्रीन पटाखों के बॉक्स पर बने क्यूआर कोड को एनईईआरआईनाम के एप से स्कैन करके इनकी पहचान की जा सकती है।  विशेषज्ञों के अनुसार ग्रीन पटाखे आकार में छोटे होते हैं और इनसे प्रदूषण भी दूसरे पटाखों के मुकाबले कम होता है। ऐसे में चंडीगढ़ प्रशासन ने भी इस बात को ध्यान में रखते हुए शहर में केवल ग्रीन पटाखों को ही मंजूरी दी है। नीरी (नेशनल एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इस्टीट्यूट) भारत सरकार की कोशिश है कि त्योहार के मौकों पर पटाखों से प्रदूषण कम हो। इसलिए ग्रीन पटाखों में बेरियम नाइट्रेट और रेडलेड आक्साइड का उपयोग पटाखों में नहीं किया जा रहा।

दिवाली के आसपास हवा की रफ्तार धीमी होती है। पटाखों में इन केमिकल के उपयोग से कार्बन डाईआक्साइड के कण कम ऊंचाई पर ही मौजूद रहते हैं। इसलिए सांस लेने पर ये कण इंसान के शरीर के अंदर चले जाते हैं, जोकि स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं। ग्रीन पटाखों में इन केमिकल की तुलना में 20 से 30 प्रतिशत तक कम प्रदूषण होता है। यही वजह है कि नीरी ग्रीन पटाखों के उत्पादन के पक्ष में है। इसलिए उत्पादकों को ग्रीन पटाखों के लोगो पैकेट अनिवार्य रूप से लगाने के आदेश दिए हैं।

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Vinita Kohli

चंडीगढ़ में आज से 11 सेक्टरों में 95 साइट्स पर शुरू होगी ग्रीन पटाखों की बिक्री, प्रशासन ने जारी किए हैं अस्थाई लाइसेंस

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