Friday, Sep 20, 2024

भारत के पत्रकार संगठनों ने हांगकांग में पूर्व संपादकों को दोषी ठहराए जाने की निंदा की


नई दिल्ली : भारत में पत्रकार संगठनों ने हांगकांग की एक अदालत द्वारा पूर्व संपादकों पैट्रिक लैम और चुंग पुई-कुएन को राजद्रोह के एक मामले में दोषी ठहराए जाने की निंदा की है और मीडियाकर्मियों के खिलाफ सरकार विरोधी आरोपों का इस्तेमाल बंद करने की मांग की है। ‘फॉरेन करस्पोंडेंट क्लब ऑफ साउथ एशिया’, प्रेस एसोसिएशन, ‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया’, ‘इंडियन वुमन प्रेस कोर’ और ‘लॉ एंड सोसाइटी एलायंस’ ने एक बयान में कहा कि दोषी ठहराए जाने का फैसला प्रेस की स्वतंत्रता के लिए ताबूत में कील के समान है, जिसकी गारंटी हांगकांग के ‘मूल कानून’ के तहत दी गई है, जो स्पष्ट रूप से भाषण, प्रेस और प्रकाशन की स्वतंत्रता की रक्षा करता है। बयान में कहा गया, ‘‘हम हांगकांग के अधिकारियों से आग्रह करते हैं कि वे मीडिया को उनकी आलोचनात्मक रिपोर्टिंग के लिए सताना बंद करें। बयान में कहा गया कि लोकतंत्र समर्थक विचारों और रिपोर्ट के लिए दो पूर्व संपादकों को दोषी ठहराना और समाचार संस्थान ‘स्टैंड न्यूज’ की संपत्तियों को जब्त करके, जिसके कारण इसे बंद करना पड़ा, अधिकारियों ने हांगकांग में स्वतंत्र पत्रकारिता को नष्ट करने के अपने इरादों को प्रदर्शित किया है। पत्रकार संगठनों ने कहा कि 1997 में हांगकांग को ब्रिटेन से चीन को सौंपे जाने के बाद किसी पत्रकार या संपादक को सुनाई गई यह पहली सजा है। दिसंबर 2021 में बंद हो चुका ‘स्टैंड न्यूज’ हांगकांग सरकार की खुले तौर पर आलोचना करने के लिए जाना जाता था। सरकार ने हांगकांग में 2019 में बड़े पैमाने पर लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों के बाद कार्रवाई की थी।

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भारत के पत्रकार संगठनों ने हांगकांग में पूर्व संपादकों को दोषी ठहराए जाने की निंदा की

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