- by Vinita Kohli
- Jan, 02, 2025 08:28
नई दिल्ली : विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी से श्रीनगर जा रहे ‘इंडिगो’ विमान के चालक दल के सदस्यों ने बुधवार को खराब मौसम से बचने के लिए पाकिस्तान हवाई क्षेत्र में प्रवेश का अनुरोध किया था, जिसे अस्वीकार कर दिया गया। घटना के बारे में विस्तृत बयान में डीजीसीए ने कहा कि विमान में सवार किसी भी यात्री को कोई चोट नहीं आई है तथा विमान का आगे का हिस्सा नोज रेडोम क्षतिग्रस्त हो गया है। डीजीसीए विमान के खराब मौसम की चपेट में आने की घटना की जांच कर रहा है। बुधवार को इंडिगो के ‘ए321 नियो’ विमान की उड़ान संख्या ‘6ई 2142’ को पठानकोट के निकट ओलावृष्टि और भीषण खराब मौसम का सामना करना पड़ा था। डीजीसीए ने बताया, चालक दल के बयान के अनुसार उन्होंने मार्ग पर खराब मौसम के कारण वायुसेना के उत्तरी नियंत्रण (आईएएफ) से बाईं ओर (अंतरराष्ट्रीय सीमा) जाने का अनुरोध किया था, हालांकि इसे मंजूरी नहीं दी गई। डीजीसीए ने कहा, बाद में चालक दल ने खराब मौसम से बचने के वास्ते पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में प्रवेश के लिए लाहौर संपर्क किया, लेकिन उसे भी अस्वीकार कर दिया गया।
नियामक के अनुसार, चालक दल ने शुरू में वापस लौटने का प्रयास किया लेकिन जब वे तूफानी बादलों के करीब थे तो उन्होंने खराब मौसम में ही आगे बढ़ने का फैसला किया। बयान में कहा गया, इसके बाद उन्हें ओलावृष्टि और भीषण खराब मौसम का सामना करना पड़ा। चालक दल ने खराब मौसम से बचने के लिए श्रीनगर की ओर सबसे छोटे मार्ग से उसी दिशा में आगे बढ़ने का निर्णय किया। ‘पीटीआई-भाषा’ ने बृहस्पतिवार को बताया था कि लाहौर एटीसी ने खराब मौसम से बचने के लिए पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का उपयोग करने संबधी, उड़ान के पायलट के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था। नियामक ने कहा कि आंधी-तूफान के दौरान ‘एंगल ऑफ अटैक फॉल्ट’, ‘अल्टरनेटिव लॉ प्रोटेक्शन लॉस्ट’, ‘बैकअप स्पीड स्केल अनरिलायबल’ होने की चेतावनियां जारी की गईं। ‘एंगल ऑफ अटैक फॉल्ट’ विमान के पंखों और हवा के बीच के कोण को मापने और व्याख्या करने के लिए जिम्मेदार प्रणाली में खराबी का संकेत होता है, ‘अल्टरनेटिव लॉ प्रोटेक्शन लॉस्ट’ से तात्पर्य उड़ान नियंत्रण कानून से है जो कई प्रणालियों या सेंसर में खराबी को दर्शाती हैं जबकि ‘बैकअप स्पीड स्केल अनरिलायबल’ एयरबस विमानों में प्रयुक्त एक प्रणाली होती है, जो वायुगति संकेत के अविश्वसनीय हो जाने पर पायलटों को सुरक्षित उड़ान गति बनाए रखने में सहायता करती है।
बयान के अनुसार, तेज हवाओं की वजह से विमान के ‘ऑटोपायलट’ (स्वचालित मोड) में खराबी आ गई और विमान की गति में व्यापक बदलाव हुए। परिणामस्वरूप, अधिकतम परिचालन गति/अधिकतम परिचालन मैक (वीएमओ/एमएमओ) चेतावनियां और बार-बार रुकने की चेतावनियां जारी होने लगीं। इस अवधि के दौरान, डीजीसीए ने कहा कि विमान की उतरने की दर 8,500 एफपीएम (फुट प्रति मिनट) तक पहुंच गई और चालक दल ने ओलावृष्टि से बाहर आने तक विमान को ‘मैन्युअल’ रूप से उड़ाया। बयान में कहा गया, सभी चेकलिस्ट क्रियाएं (ईसीएएम क्रियाएं) चालू करने के बाद चालक दल ने श्रीनगर एटीसी को ‘पैन पैन’ घोषित किया और ‘रडार वेक्टर’ के लिए अनुरोध किया और ‘ऑटो थ्रस्ट’ के सामान्य रूप से संचालन के साथ विमान को सुरक्षित उतारा। ‘पैन पैन’ फ्रांसीसी शब्द ‘पैन’ से लिया गया है, जिसका अर्थ विफलता या मुश्किल में पड़ना होता है। आमतौर पर,‘पैन पैन’ एक आपातकालीन स्थिति के संदर्भ में इस्तेमाल किया जाता है। नियामक ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और विमान में सवार किसी भी यात्री को कोई चोट नहीं आई है। बयान में कहा गया, उड़ान के बाद जांच करने पर नोज रेडोम को क्षति पहुंचने का पता चला।