- by Super Admin
- Jul, 15, 2024 06:28
धर्म, जगमार्ग न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में एक वर्ष में 24 एकादशी होते हैं, जिसका विशेष महत्व है। एकादशी जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है। कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने से इंसान की हर मनोकामना पूरी हो जाती है। हर महीने दो एकादशी आती है, ऐसे में अब जया एकादशी आने वाली है। यह एकादशी हर वर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जया एकादशी के दिन जो भी भगवान विष्णु जी की पूजा-उपासना करता है उसके जीवन के सभी दुख और कष्ट दूर होते हैं। आइए फिर आपको बताते हैं कि जया एकादशी के व्रत को रखने के सही नियम क्या हैं और साथ ही इस वर्ष कब मनाई जाएगी।
कब है जया एकादशी व्रत ?
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 7 फरवरी को रात 9 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी. वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 8 फरवरी को रात 8 बजकर 15 मिनट पर हो जाएग।. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, जया एकादशी का व्रत 8 फरवरी को रखा जाएगा।
कैसे रखें जया एकादशी व्रत
1. हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, जया एकादशी के व्रत से पहले पड़ने वाली दशमी तिथि को थोड़ा खाना या सिर्फ फल खाना चाहिए, ताकि जया एकादशी के व्रत के दिन पेट में कोई अवशिष्ट खाना नहीं बचे।
2. जया एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके साफ कपड़े पहन लेने चाहिए।
3. फिर दिनभर फलाहार व्रत रखना चाहिए।
4. इस व्रत में अनाज के सेवन की मनाही है।
5. इस व्रत में रात के समय जागरण करना चाहिए।
6. अगले दिन द्वादशी तिथि पर सूर्योदय के बाद ही शुभ मुहूर्त में व्रत का पारण करना चाहिए।
जया एकादशी की पूजा विधि
1. जया एकादशी के दिन सुबह भगवान विष्णु का तिल से अभिषेक करना चाहिए।
2. इसके बाद भगवान विष्णु को पीला चंदन लगाना चाहिए।
3. पूजा के समय पीला कनेर, तुलसी, बेसन के लड्डू, भगवान को अर्पित करने चाहिए।
4. इस दिन तुलसी माता पर जल चढ़ाना वर्जित किया गया है।
5. 14 मुखी दिया जलाना चाहिए, जया एकादशी व्रत की कथा भी अवश्य सुननी चाहिए।
6. श्री हरि भगवान विष्णु का भजन, स्मरण और मंत्रों का जाप करना चाहिए।
7. अंत में श्री हरि भगवान विष्णु की आरती करनी चाहिए।
8. इस दिन अन्न, वस्त्र, जूते, दूध, दही, घी, शक्कर और तिल का दान बहुत शुभ माना गया है।