- by Super Admin
- Jul, 15, 2024 06:28
धर्म, जगमार्ग न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में मकर संक्रांति का पर्व काफी धूम-धाम से मनाया जाता है और इसका काफी महत्व भी है। मकर संक्रांति के दिन गंगा व अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्यकारी फलों की प्राप्ति होती है। मकर संक्रांति को उत्तरायण, पोंगल, मकरविलक्कु, माघ बिहु और खिचड़ी जैसे नामों से जाना जाता है। हालांकि हर बार की परेशानी कि मकर संक्रांति कब मनाई जाएगी। हर कोई इसकी तारीख को लेकर कंफ्यूजन में है कि आखिर मकर संक्रांति कब है 13 जनवरी या 14 जनवरी। आइए फिर आपकी सारी कंफ्यूजन को दूर करते हैं और जानते हैं कि इस साल मकर संक्रांति कब की है व इसका शुभ मुहूर्त क्या है?
मकर संक्रांति 2025 डेट और मुहूर्त
हर साल की तरह इस बार भी मकर संक्रांति की तारीख को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। लोग 13 और 14 जनवरी में कंफ्यूज हो रहे हैं। तो बता दें कि इस साल मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा। बता दें कि जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में गोचर यानी प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। वहीं सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही खरमास का महीना भी खत्म हो जाएगा। खरमास के सामप्त होने के बाद शादी-विवाह और अन्य मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे।
मकर संक्रांति 2025 स्नान-दान शुभ मुहूर्त
मकर संक्रांति का पुण्यकाल 14 जनवरी को सुबह 9 बजकर 3 मिनट से शुरू होगा जबकि समाप्त शाम 5 बजकर 46 मिनट पर होगा। मकर संक्रांति का महापुण्यकाल 14 जनवरी को सुबह 9 बजकर 3 मिनट से सुबह 10 बजकर 4 मिनट तक रहेगा। यह दोनों ही समय स्नान और दान के लिए शुभ है। इसके अलावा स्नान-दान के लिए मकर संक्रांति का पूरा दिन अच्छा माना जाता है।
मकर संक्रांति पर्व का महत्व
मकर संक्रांति के दिन तिल, चिड़वा, उड़द दाल, चावल, कंबल और धन का दान करना अत्यंत ही फलदायी माना जाता है। इन चीजों का दान करने से घर में सुख-समृद्धि और संपन्नता बनी रहती है। मकर संक्रांति के दिन किसी पवित्र नदी या गंगा में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन भगवान सूर्य देव की पूजा जरूर करें।