- by Super Admin
- Jul, 15, 2024 06:28
जगमर्ग धर्म डेस्क: हिंदू धर्म का बेहद ही खास पर्व राधा अष्टमी को काफी धूमधाम से मनाया जाता है, यह पर्व राधा रानी के जन्मोत्सव के तौर पर मनाया जाता है। राधा अष्टमी हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर आती है और भक्त इसे हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। इस शुभ दिन पर भक्त विधिपूर्वक राधा रानी के संग भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही जीवन में सफलता प्राप्ति के लिए व्रत भी किया जाता है। ऐसे में जानते हैं कि कब राधा अष्टमी व्रत का पारण करें और कैसे करें।
कब करें राधा अष्टमी व्रत का पारण ?
राधा अष्टमी के दिन किशोरी जी की पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 11:03 बजे से लेकर दोपहर 01:32 बजे तक है। ऐसा माना जा रहा है कि इस शुभ मुहूर्त में पूजा करने से साधक को दोगुना फल प्राप्त होगा। वहीं संध्याकाल में राधा रानी की सच्चे मन से पूजा करने के बाद प्रिय चीजों का भोग लगाने के बाद आप व्रत खोल सकते हैं। इसके अगले दिन यानी 12 सितंबर को व्रत का पारण सुबह करें।
कैसे करें राधा अष्टमी का पारण ?
राधा अष्टमी का पारण अगले दिन जल्दी उठें और स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें। इसके बाद किशोरी जी की पूजा करें और गरीबों को अन्न, धन और वस्त्र दान करें। अब भोग अर्पित करें व सात्विक भोजन का सेवन करें। माना जाता है कि पारण करने से राधा रानी कृपा सदा भक्तों पर बनी रहती है।