- by Super Admin
- Jun, 27, 2024 04:00
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुग्राम की एक रियल्टी परियोजना के उन घर खरीदारों को 20 करोड़ रुपये से ज्यादा के फ्लैट्स की वापसी की प्रक्रिया शुरू की है जिनसे बिल्डर कंपनी ने कथित तौर पर धोखाधड़ी की थी। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। यह मामला एसआरएस पर्ल, एसआरएस सिटी और एसआरएस प्राइम जैसी परियोजनाओं के तहत एसआरएस समूह द्वारा बनाए गए फ्लैट्स से जुड़ा है।
जानिए पूरा मामला
इन एसआरएस परियोजनाओं में वास्तविक घर खरीदारों के 78 फ्लैट को उन्हें सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत गठित अपीलीय न्यायाधिकरण ने 12 अगस्त को एक आदेश जारी कर ईडी को 20.15 करोड़ रुपये के इन फ्लैट्स को उनके असली मालिकों को लौटाने की अनुमति दे दी थी। केंद्रीय एजेंसी ने जनवरी 2020 में एसआरएस समूह की कंपनियों के खिलाफ धन शोधन की जांच के तहत 2,215 करोड़ रुपये की संपत्तियां अस्थायी तौर पर कुर्क कर ली थीं। ईडी ने कई खरीदारों और निवेशकों से कथित धोखाधड़ी से जुड़े मामले में इन कंपनियों के खिलाफ यह कार्रवाई की थी।
ईडी ने कंपनी पर लगाया आरोप
ईडी ने आरोप लगाया था कि एसआरएस समूह की कंपनियों ने आवासीय इकाइयों के लिए घर खरीदारों से भुगतान प्राप्त किया लेकिन इन संपत्तियों को संबंधित घर खरीदारों के नाम पर पंजीकृत कराने में ‘विफल’ रही थीं। कुर्क की गयी संपत्तियां एसआरएस समूह के नाम पर पंजीकृत थीं। ईडी ने इस आदेश के खिलाफ अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष अपील की।
पंजाब और हरियाणा के उच्च न्यायालय में पहुंचा मामला
बाद में यह मामला पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय में गया। सूत्रों ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने एजेंसी को वास्तविक घर खरीदारों का व्यापक सत्यापन कराने का निर्देश दिया ताकि उनके फ्लैट उन्हें लौटाए जा सकें। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ईडी ने न्याय सुनिश्चित करने के लिए व्यापक सत्यापन किया और इन फ्लैट्स का उनके वास्तविक खरीदारों के नाम पर पंजीकरण कराने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी किया।