- by Vinita Kohli
- Jan, 01, 2025 04:21
चंडीगढ़ : प्रदेश में बिजली के दामों में जरूरत बढ़ोतरी हुई है। सरकार ने गरीब वर्ग और किसानों को राहत देने के साथ मशरूम खाद और बीज, हाईटेक हाइड्रोपोनिक्स व एरोपोनिक्स तथा एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) द्वारा बनाए जाने वाले कोल्ड स्टोर्स को सस्ती दरों पर बिजली आपूर्ति का वादा पूरा किया है। हरियाणा राज्य बिजली विनियामक आयोग (एचईआरसी) ने इसके लिए एक नई कैटेगरी बनाई है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बतौर वित्त मंत्री अपना पहला बजट पेश करते हुए टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने के लिए बजट में इसकी घोषणा की थी। अभी तक कोल्ड स्टोर के लिए 7 रुपये 50 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली की दरें तय थी। कोल्ड स्टोर संचालकों को राहत देते हुए नई कैटेगरी में आयोग ने 20 किलोवाट तक लोड वाले कोल्ड स्टोर के लिए 4 रुपये 50 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली के रेट तय किए हैं। वहीं इससे अधिक के लोड वाले कोल्ड स्टोर संचालकों को 6 रुपये 50 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से भुगतान करना होगा।
हरियाणा की बिजली कंपनियों की ओर से आयोग के पास एआरआर (सालाना वित्तीय जरूरत) के लिए 45 हजार 978 करोड़ 93 लाख रुपये की डिमांड की थी। बिजली कंपनियों को होने वाली सालाना आय और जरूरत में 4 हजार 520 करोड़ रुपये का गेप था। आयोग ने 16 जनवरी को जनसुनवाई की और इस दौरान आपत्तियां व सुझाव लिए गए। इसके बाद 19 फरवरी को स्टेट एडवाइजरी कमेटी की बैठक भी हुई। आयोग की टीम ने गेप को लेकर अपने स्तर पर जांच की। मूल्यांकन करने के बाद पूरी रिपोर्ट तैयार की गई। बिजली निगमों के दावे को खारिज करते हुए आयोग ने गेप को 4520 करोड़ रुपये से घटाकर 3262 रुपये कर दिया। यानी प्रदेश के 81 लाख 32 हजार 588 उपभोक्ताओं पर रेटों में बढ़ोतरी के चलते 3262 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा है। अगर आयोग द्वारा स्वत: इस मामले में रिपोर्ट तैयार ना की जाती तो यह बोझ 4520 करोड़ रुपये का होना था। नायब सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है। नलकूप कनेक्शन के लिए बिजली सब्सिडी पर पहले की तरह मिलती रहेगी। नलकूप कनेक्शन के लिए 6 रुपये 48 पैसे यूनिट से रेट बढ़ाकर 7 रुपये 35 पैसे किया गया है लेकिन किसानों को 10 पैसे प्रति यूनिट में ही बिजली मिलेगी।
आयोग ने बिजली कंपनियों की कार्यशैली पर उठाए सवाल
आयोग चेयरमैन नंदलाल शर्मा व सदस्य मुकेश गर्ग ने 323 के फैसले में बिजली कंपनियों की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। पावर परचेज और पावर सप्लाई कॉस्ट बढ़ने पर भी आयोग ने सवाल उठाए हैं। पिछले साल प्रति यूनिट पावर सप्लाई कॉस्ट 6 रुपये 48 पैसे थी, जो अब 7 रुपये 35 पैसे हो गई है। इसी तरह से पावर परचेज कॉस्ट 4 रुपये 85 पैसे प्रति यूनिट से बढ़कर 5 रुपये 58 पैसे प्रति यूनिट हो गई है। आयोग ने नहरों, यूनिवर्सिटी, कॉलेज, सरकार भवनों आदि पर सोलर प्लांट लगाने के सुझाव निगमों को दिए हैं। साथ ही, हाइड्रो पावर प्लांट बढ़ाने की सिफारिश की गई है। आयोग ने दो-टूक कहा है कि थर्मल पावर से काम नहीं चलने वाला। उपभोक्ताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में बिजली कंपनियों को ग्रीन एनर्जी पर जाना होगा। ग्रीन एनर्जी सस्ती पड़ती है।
बड़े शहरों में फ्लैट्स में रहने वालों को मिलेगी सस्ती बिजली
घरेलू उपभोक्ताओं के मामले में भी बिजली की दरें अलग-अलग हैं। गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत व पंचकूला सहित बड़े शहरों में फ्लैट्स में रहने वाले लोगों को बिजली सस्ती मिलती है। दरअसल, ऐसी जगहों पर ब्लक सप्लाई के लिए अलग से टैरिफ बनाया हुआ है। ब्लक सप्लाई यानी सिंगल मीटर सिस्टम के लिए फ्लैट्स/निर्मित फ्लैट्स में 800 यूनिट प्रतिमाह प्रति फ्लैट इस्तेमाल करने पर पहले 5 रुपये 25 पैसे की दरें थी। इसे बढ़ाकर अब 5 रुपये 80 पैसे किया है। वहीं 800 यूनिट से अधिक मासिक इस्तेमाल करने के लिए टैरिफ को 6 रुपये 20 पैसे से बढ़ाकर 6 रुपये 60 पैसे प्रति यूनिट किया है। वहीं आम घरों में अब 501 से 1000 यूनिट तक मासिक इस्तेमाल पर 7 रुपये 15 पैसे और 1000 यूनिट से अधिक इस्तेमाल पर 7 रुपये 50 पैसे प्रति यूनिट रेट तय किए हैं।
सरकारी विभागों को राहत, पुरानी दरों पर ही मिलेगी बिजली
आयोग ने ब्लक सप्लाई लेने वाले सरकारी विभागों – पब्लिक हेल्थ, सिंचाई विभाग, नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिका आदि के लिए तय दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। उन्हें पिछले वर्ष की तरह आगे भी 7 रुपये 35 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से आपूर्ति की जाएगी। उनके लिए लोड के हिसाब से मासिक फिक्स चार्ज में भी बढ़ोतरी नहीं की है। सिंचाई विभाग नहरों में पानी पंपिंग के लिए तो पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट जलापूर्ति के लिए पावर खरीदता है। इसी तरह से स्थानीय निकायों द्वारा शहरों में स्ट्रीट लाइट के लिए बिजली खरीदी जाती है। मेट्रो व रेलवे के लिए होने वाली सप्लाई के लिए एचटी (हाई-टेंशन) के लिए तय दरें लागू रहेंगी।
गरीब परिवारों को इस दर पर मिलेगी बिजली
बिजली की दरों में आयोग ने 20 से 40 पैसे प्रति यूनिट तक बढ़ोतरी की है लेकिन गरीब परिवारों को इस बढ़ोतरी के बाद भी थोड़ी राहत मिली है। पहले 0 से 50, 51 से 100, 0 से 150 तथा 151 से 250 यूनिट तक के अलग-अलग स्लैब के लिए 2 किलोवाट तक के लोड पर 115 रुपये तथा इससे अधिक के लोड पर 70 और 75 रुपये प्रति किलोवाअ के हिसाब से फिक्स चार्ज लगता था। सरकार ने फिक्स लोड को खत्म कर दिया है। नये टैरिफ में 0 से 50, 51 से 100, 0 से 150 तथा 151 से 300 यूनिट तक मासिक इस्तेमाल वाले उपभोक्ताओं का फिक्स चार्ज खत्म कर दिया है। वहीं 301 से 500 यूनिट तक के इस्तेमाल पर 50 रुपये प्रति किलोवाट और 500 से अधिक यूनिट के इस्तेमाल करने पर भी 50 रुपये प्रति किलोवाट के हिसाब से फिक्स चार्ज देना होगा। इसमें भी आयोग ने कटौती की है।