- by Vinita Kohli
- Jan, 01, 2025 04:21
चंडीगढ़: हरियाणा के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी वाई. पूरण कुमार की मौत के मामले में शनिवार को उनके परिवार ने आरोप लगाया कि बिना उनकी सहमति के शव को पीजीआईएमईआर (पीजीआईएमआर) स्थानांतरित कर दिया गया है। साथ ही परिवार ने अधिकारी की मौत को लेकर "न्याय" की मांग तेज कर दी है। पूरण कुमार का शव पहले चंडीगढ़ के सेक्टर-16 में स्थित गवर्नमेंट मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में रखा गया था, जो शनिवार को पीजीआईएमईआर (पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च) ले जाया गया। सूत्रों के अनुसार, परिवार ने अब तक पोस्टमार्टम की अनुमति नहीं दी है।
‘आप’ के विधायक और पूरण के साले अमित रत्तन ने कहा, “बिना हमसे पूछे शव को स्थानांतरित कर दिया गया। हमारे साथ अन्याय हो रहा है। एक डीजीपी स्तर के अधिकारी की मौत को पांच दिन हो गए हैं, लेकिन हमें अब तक न्याय नहीं मिला।” वाई. पूरण कुमार (52) 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे, जिन्होंने मंगलवार को चंडीगढ़ के सेक्टर 11 स्थित अपने आवास पर कथित रूप से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने एक सुसाइड नोट छोड़ा था जिसमें उन्होंने आठ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर खुलेआम जातिगत भेदभाव, मानसिक प्रताड़ना, सार्वजनिक अपमान व अत्याचार के आरोप लगाए थे।
चंडीगढ़ के डीजीपी सागर प्रीत हुड्डा शनिवार को अमनीत पी. कुमार के आवास पर पहुंचे। हुड्डा ने मीडिया से कहा कि उन्होंने परिवार से पोस्टमार्टम जल्द कराने का अनुरोध किया है। पोस्टमार्टम पीजीाईएमआर में किया जाएगा, जिसके लिए एक बोर्ड गठित किया गया है। बोर्ड में एक मजिस्ट्रेट, फोरेंसिक विशेषज्ञ और डॉक्टर शामिल हैं। अधिकारी ने कहा कि पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी की जाएगी। हालांकि, डीजीपी हुड्डा ने स्पष्ट किया कि पोस्टमार्टम परिवार की सहमति के बाद ही किया जाएगा। जब उनसे पूछा गया कि परिवार अब तक सहमति क्यों नहीं दे रहा, तो उन्होंने कहा कि परिवार की कुछ शिकायतें हैं, जिन पर बातचीत जारी है। जब उनसे पूछा गया कि प्राथमिकी में संदिग्धों के नाम क्यों नहीं जोड़े गए, तो उन्होंने कहा कि जांच जारी है।