- by Vinita Kohli
- Jan, 01, 2025 04:21
चंडीगढ़ : प्रदेश में बढ़ते नशे को लेकर माननीय चिंतित दिखाई दिए। माननीयों ने एक सुर में सरकार से नशे के प्रभाव को रोकने और नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर कठोर कानून बनाने की मांग की। साथ ही, नशे के खिलाफ चलाई जा रही गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए विधानसभा कमेटी गठित करने की मांग उठाई। विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने माननीयों की मांग को स्वीकार करते हुए युवा मामलों की तर्ज पर कमेटी गठित करने का आश्वासन दिया। दरअसल, कांग्रेस विधायक शीशपाल केहरवाला, अशोक अरोड़ा, मनदीप चट्ठा और बलवान सिंह दौलतपुरिया ने प्रदेश में बढ़ रहे सिंथेटिक नशे के प्रभाव को लेकर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सरकार को घेरते हुए जवाब मांगा कि युवा नशे की दलदल में फंस रहा है और सरकार की नशा रोकने की क्या रणनीति है। संसदीय मामलों के मंत्री महिपाल ढांडा ने जवाब देते हुए स्पष्ट किया कि नशा तस्करों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए सरकार पूरी तरह गंभीर है। ढांडा ने 2020 से 2024 तक सरकार द्वारा नशा तस्करों के खिलाफ की गई कार्रवाई का आंकड़ा भी पेश किया।
उन्होंने प्रदेश में बढ़ रहे नशे पर चिंता जताते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने इस चुनौती से निपटने के लिए त्रिस्तरीय रणनीति तैयार की है। ड्रग तस्करों पर कठोर कानूनी कार्रवाई के साथ समाज के युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति सचेत करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और ड्रग्स के आदी लोगों के इलाज और पुनर्वास की व्यवस्था की जा रही है। कांग्रेस विधायक शीशपाल केहरवाला ने नायब सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि नशा बढ़ने से चोरी और क्राइम की घटनाओं का ग्राफ बढ़ा है। यह गंभीर मुद्दा है, युवा नशे की चपेट में आ रहे हैं, उनकी जिंदगी को बचाने के लिए सभी को एकजुट होना होगा। महिपाल ढांडा ने जवाब दिया कि सरकार की ओर से संकल्प प्राधिकरण का गठन किया जाएगा, जिसके तहत नशा विरोधी गतिविधियों पर निगरानी रखी जाएगी। शीशपाल नशे को लेकर बढ़ रही ओपीडी पर भी चिंताई कि 16 प्रतिशत आबादी नशे की चपेट में है, नशे के इलाज से संबंधित 14.8 लाख ओपीडी है, जबकि 12.9 लाख ओपीडी केवल पंजाब बार्डर से सटे राज्यों में है।
हर जिले में खोले जाएं नशा मुक्ति केंद्र
कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने आरोप लगाया कि पंजाब से सटे जिलों में नशे का प्रचलन लगातार बढ़ रहा है। अस्पतालों में नशे को लेकर ओपीडी बढ़ रही है, साथ ही नशा मुक्ति केंद्रों में भी बेहतर व्यवस्थाएं नहीं है। प्राइवेट नशा मुक्ति केंद्र संचालक मनमानी करते हैं, उनकी जांच कराई जानी चाहिए। वहीं पिहोवा से विधायक मनदीप चट्ठा ने स्कूल-कालेजों में बढ़ रहे नशे का मुद्दा उठाया। फतेहाबाद से विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया ने सरकार को घेरते हुए कहा कि विकसित हरियाणा के विजन को पूरा करने के लिए स्वस्थ जनमानस जरूरी है। नशे के खिलाफ कठोर कानून बनाए जाने चाहिए। जिला स्तर के साथ ब्लाक स्तर पर ओपीडी और नशा मुक्ति केंद्रों की स्थापना की जाए और सीएमओ स्तर के अधिकारी की ड्यूटी निर्धारित की जाए कि वह सप्ताह में एक बार नशा मुक्ति केंद्रों का निरीक्षण करे। दौलतपुरिया ने नशे के खिलाफ पुलिस की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए विधानसभा स्तर पर कमेटी गठित करने की मांग, जिस पर विस अध्यक्ष ने जल्द ही कमेटी गठित करने का आश्वासन दिया।
117 बड़े तस्करों की अवैध संपत्ति की गई जब्त
संसदीय मामलों के मंत्री महिपाल ढांडा ने जवाब देते हुए बताया कि सरकार नशा तस्करों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए पूरी तरह गंभीर है। वर्ष 2020 से 2024 के बीच एनडीपीएस एक्ट के तहत 16781 मामले दर्ज कर 25446 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई। इनमें से 1761 मुकदमे व्यावसायिक मात्रा के थे, जिनमें 3714 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई। यही नहीं 117 बड़े तस्करों की 52.79 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति भी दर्ज की गई। अब तक कुल 65 आदतन तस्करों को भी हिरासत में लिया गया है। 100 बड़े तस्करों के 111 अवैध निर्माण को ढहाया गया। प्रतिबंधित दवाइयोकं की अवैध बिक्री को लेकर 969 मुकदमे दर्ज कर 1325 गिरफ्तारियां की गई और 100 केमिस्टों के लाइसेंस रद्द किए गए। वर्ष 2025 में फरवरी माह तक 567 नए मामले दर्ज किए गए और 888 तस्करों को गिरफ्तार किया गया।
20 अप्रैल को होगा नशा मुक्ति अभियान का आगाज
महिपाल ढांडा ने बताया कि नशा मुक्ति अभियान को लेकर सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। आगामी 20 अप्रैल को पंचकूला में जन प्रतिनिधियों का सम्मेलन होगा, जिसमें सभी जिला परिषद व ब्लाक समिति के चेयरमैनों के साथ सरपंच और शहरी निकायों के प्रधान हिस्सा लेंगे। 2024 में 2572 जागरूकता कार्यक्रम हुए जिनमें 16.7 लाख लोगों ने भाग लिया। नशा मुक्त हरियाणा अभियान के तहत 7197 गांव में से 3406 गांव और 2095 वार्डों में से 809 वार्ड नशा मुक्त घोषित किए गए हैं। नमक लोटा अभियान के तहत ड्रग्स के छोटे विक्रेताओं केा सामाजिक दबाव के द्वारा इस अवैध धंधे से बाहर निकाला जा रहा है।
हर जिले में बनेगा फास्टट्रैक कोर्ट
महिपाल ढांडा ने बताया कि मादक पदार्थों संबंधित मामलों में जल्द सुनवाई को लेकर हर जिले में फास्टट्रैक कोर्ट स्थापित किया जाएगा। ड्रग्स मामलों में दोषियों को सजा दिलाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। 2023 में कमर्शियल क्वांटिटी के मामलों में सजा की दर 53.81 फीसदी थी, जोकि 2024 में बढ़कर 71.22 फीसदी पर पहुंच गई और इंटरमीडिएट क्वांटिटी मामलों की सजा दर 49.48 फीदसी से बढ़कर 59.43 फीसदी पर पहुंच गई।