Sunday, Nov 2, 2025

इलाहाबादिया को गिरफ्तारी से संरक्षण मिला, यूट्यूब कार्यक्रम पर टिप्पणी के लिए न्यायालय ने फटकारा


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नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने एक यूट्यूब कार्यक्रम के दौरान कथित रूप से अशोभनीय टिप्पणी करने के लिए सोशल मीडिया ‘इन्फ्लुएंसर’ रणवीर इलाहाबादिया के खिलाफ दर्ज कई प्राथमिकियों को लेकर मंगलवार को उन्हें गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया लेकिन उन टिप्पणियों के लिए उनकी कड़ी आलोचना करते हुए इसे विकृत मानसिकता का प्रदर्शन बताया। ‘बीयरबाइसेप्स’ के नाम से मशहूर इलाहाबादिया के खिलाफ हास्य कलाकार समय रैना के यूट्यूब कार्यक्रम ‘इंडियाज गॉट लैटेंट में माता-पिता और यौन संबंध को लेकर टिप्पणी करने के लिए कई प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। कार्यक्रम में इलाहाबादिया की आपत्तिजनक अस्वीकार्य टिप्पणियों से नाराज अदालत ने कार्यवाही शुरू होने पर ‘इन्फ्लूएंसर’ को फटकार लगाई और कहा, उनके दिमाग में कुछ गंदगी है जिसे यूट्यूब के कार्यक्रम में उन्होंने उगला। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने पूछा, आपने जो शब्द इस्तेमाल किए हैं, उनसे बेटियों, बहनों, माता-पिता और यहां तक कि समाज को भी शर्मिंदगी महसूस होगी। यह एक विकृत मानसिकता को दर्शाता है। अगर यह अश्लीलता नहीं है, तो क्या है? हमें आपके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को क्यों रद्द या एकसाथ नत्थी करना चाहिए? हालांकि, पीठ ने ‘इन्फ्लूएंसर’ का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता अभिनव चंद्रचूड़ की दलीलों से सहमति जताई कि उन्हें किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण प्रदान किया जाना चाहिए। अधिवक्ता ने कहा कि इसके अलावा उन्हें जान से मारने की धमकियां भी मिल रही हैं।


न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने चंद्रचूड़ से पूछा, क्या आप इस तरह की भाषा के इस्तेमाल का बचाव कर रहे हैं? चंद्रचूड़ ने भी माना कि कार्यक्रम में जिस तरह की भाषा इस्तेमाल की गई वह अशोभनीय थी। हालांकि, वरिष्ठ वकील ने कहा कि सवाल यह है कि क्या ये टिप्पणियां अश्लीलता के बजाय अमर्यादित आपराधिक अपराध के दायरे में आती हैं या नहीं? पीठ ने कहा, अगर आप इस तरह की बातें कहकर सस्ती लोकप्रियता पाने का प्रयास कर सकते हैं, तो हो सकता है कि और लोग भी इसी तरह की टिप्पणी करके सस्ता प्रचार पाना चाहते हों। पीठ ने निर्देश दिया कि यूट्यूब कार्यक्रम इंडिया’ज गॉट लैटेंट के दौरान उनकी टिप्पणियों के लिए उनके खिलाफ कोई और प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाएगी। इसके अलावा, शीर्ष अदालत ने विवादास्पद यूट्यूब कार्यक्रम पर इलाहाबादिया और उनके सहयोगी अन्य सोशल मीडिया ‘इन्फ्लुएंसर’ को अगले आदेश तक कार्यक्रम की कोई भी अन्य कड़ी प्रसारित करने से रोक दिया। पीठ ने इलाहाबादिया को अपना पासपोर्ट ठाणे के पुलिस थाने में जमा करने का निर्देश देते हुए कहा कि वह अदालत की पूर्व अनुमति के बिना भारत से बाहर नहीं जाएंगे। पीठ ने इन्फ्लुएंसर रणवीर इलाहाबादिया को उनकी कथित अशोभनीय टिप्पणियों को लेकर महाराष्ट्र, असम में दर्ज प्राथमिकी की जांच में सहयोग करने का निर्देश भी दिया। चंद्रचूड़ ने इलाहाबादिया के जीवन के अधिकार का उल्लेख करते किया और कहा कि उनके खिलाफ एक ही कृत्य के लिए कई स्थानों पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।


पीठ ने कहा, समाज के मूल्य क्या हैं, ये मानक क्या हैं, क्या आपको पता है? समाज के कुछ स्व-विकसित मूल्य हैं, आपको उनका सम्मान करना चाहिए। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर किसी को भी समाज के मानदंडों के खिलाफ कुछ भी बोलने की छूट नहीं है। मुंबई और गुवाहाटी में दर्ज प्राथमिकी में किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से इलाहाबादिया को संरक्षण प्रदान करने के अलावा पीठ ने इलाहाबादिया के खिलाफ कई प्राथमिकी को एक साथ नत्थी करने और उन्हें रद्द करने के अनुरोध वाली याचिका पर केंद्र, महाराष्ट्र और असम सरकारों से जवाब मांगा। असम पुलिस की एक टीम अब हटाए जा चुके यूट्यूब कार्यक्रम को लेकर पूर्वोत्तर राज्य में दर्ज एक मामले के सिलसिले में रैना को समन जारी करने के लिए पुणे में थी। रैना का पुणे के बालेवाड़ी में एक मकान है। सार्वजनिक रूप से सुलभ ऑनलाइन कार्यक्रम में अश्लीलता को बढ़ावा देने के आरोप में राज्य के एक निवासी ने इस संबंध में सोमवार को गुवाहाटी में मामला दर्ज कराया था। इलाहाबादिया और रैना के अलावा असम में दर्ज मामले में नामित अन्य लोगों में आशीष चंचलानी, जसप्रीत सिंह और अपूर्व मखीजा शामिल हैं। इससे पहले, मुंबई पुलिस ने इलाहाबादिया को मुंबई के खार थाने में मौजूद रहने के लिए कहा था। यूट्यूबर को मध्य प्रदेश के इंदौर में भी पुलिस शिकायत का सामना करना पड़ रहा है। महाराष्ट्र साइबर विभाग ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है और हास्य कार्यक्रम की सभी 18 कड़ियों को हटाने का अनुरोध किया है।

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Vinita Kohli

इलाहाबादिया को गिरफ्तारी से संरक्षण मिला, यूट्यूब कार्यक्रम पर टिप्पणी के लिए न्यायालय ने फटकारा

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