- by Super Admin
- Jun, 30, 2024 23:58
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूखंड आवंटन विवाद के बीच राज्य में मामलों की जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को दी गई सामान्य सहमति वापस लेने के कर्नाटक सरकार के फैसले पर शुक्रवार को कांग्रेस की आलोचना की और इसे एक पेशेवर चोर और भ्रष्ट पार्टी का कदम करार दिया। कांग्रेस सरकार के इस कदम को कथित तौर पर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से जुड़े एमयूडीए घोटाले की सीबीआई जांच से बचने का प्रयास करार देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि यह निर्णय अपने आप में उसके दोषी मन को दर्शाता है।
एमयूडीए घोटाले में हड़पे हजारों करोड़ों रुपए: पूनावाला
उन्होंने कहा, एमयूडीए घोटाले में हजारों करोड़ रुपये हड़प लिए गए। इसके बाद कांग्रेस ने वह कर दिखाया है जो किसी प्रमाणित ‘चोर और लुटेरा’ से अपेक्षित होता है। कानून के लंबे हाथों से बचने के लिए, उसने राज्य में जांच के लिए सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति वापस ले ली है। उन्होंने कहा, कांग्रेस पेशेवर चोर और पेशेवर भ्रष्ट पार्टी की तरह व्यवहार कर रही है। पहले गलती करना और फिर बेशर्मी से इसका बचाव करना कर्नाटक और अन्य राज्यों में जहां कांग्रेस सत्ता में है, उसका यही रवैया है। एमयूडीए भू आवंटन मामले में आरोप है कि सिद्धरमैया की पत्नी बी एम पार्वती को मैसूरु के एक पॉश इलाके में मुआवजे के तौर पर जो भूखंड आवंटित किये गये थे, उनकी कीमत एमयूडीए द्वारा अधिग्रहीत की गयी जमीन की तुलना में काफी अधिक थी।
सीबीआई अपने साधानों को विवेकपूर्ण तरीकों से उपयोग नहीं कर रहा : संसदीय कार्य मंत्री
पूनावाला ने आरोप लगाया कि 5,000 करोड़ रुपये के एमयूडीए घोटाले में अपनी कथित संलिप्तता के बाद से सिद्धरमैया वही रुख अपना रहे हैं जो ऐसे मामलों में कांग्रेस का रहा करता है। एमयूडीए भूमि आवंटन विवाद के बीच संघीय एजेंसी को पक्षपातपूर्ण करार देते हुए कर्नाटक सरकार ने बृहस्पतिवार को राज्य में मामलों की जांच के लिए सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति वापस ले ली थी। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के बाद फैसले की घोषणा करते हुए कानून और संसदीय कार्य मंत्री एच के पाटिल ने कहा, यह स्पष्ट है कि सीबीआई या केंद्र सरकार अपने साधनों का उपयोग करते समय उनका विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग नहीं कर रही है। यह कदम विपक्षी भाजपा द्वारा एमयूडीए भूखंड आवंटन मामले को सीबीआई को सौंपने की मांग के बीच उठाया गया है।