कालका (जगमार्ग न्यूज) : करप्शन कंट्रोल आर्गेनाइजेशन (क्राइम सेल) की राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलजा ठाकुर ने कहा की आए दिन पंचकूला जिले के विभिन्न थानों में अपनी रंजिश तथा अपने पक्ष को मजबूत दिखाने के उद्देश्य से पुलिस को दी जाने वाली शिकायतों की असलियत को खंगाले ताकि जिला पुलिस प्रशासन के सामने सच्चाई सामने आये कि लोग अक्सर झूठी शिकायत देकर पुलिस को गुमराह करते हुए पुलिस का बेवजह वक्त बर्बाद कर देते हैं, जिससे पुलिस थानों में पुलिस का कामकाज लंबित पड़ा रहता है। पुलिस थानों में झूठी शिकायतें देने वालों के खिलाफ जिला पुलिस प्रशासन उनके खिलाफ शिकंजा कसे। करप्शन कंट्रोल आर्गेनाइजेशन के लीगल एडवाइजर एडवोकेट जी.पी भनोट ने कहा कि झूठी शिकायतें देने वालों के खिलाफ आईपीसी की धारा 182 के तहत पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि असल में आईपीसी की धारा 182 भारतीय कानून की एक ऐसी धारा है, जिसके तहत जो व्यक्ति अपनी रंजिश निकालने, दूसरे व्यक्ति को हानि पहुंचाने अथवा अपने आप को सही ठहराने के उद्देश्य से अपनी शिकायत में झूठे तथ्यों को पुलिस के सामने रखता है और जिससे दूसरे व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा में आंच आती है, और उसे मानसिक तथा शारीरिक रूप से नुकसान उठाना पड़ता है। पुलिस को यह अधिकार है कि ऐसे झूठी शिकायत देने वाले व्यक्ति के खिलाफ कानून की धारा 182 के तहत कार्रवाई करते हुए कोर्ट में पेश करे और कोर्ट में यदि संबंधित व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो कानून के अंतर्गत ऐसे व्यक्ति के लिए सजा का प्रावधान सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने कहा अक्सर देखा गया है कि कुछ लोग अपनी रंजिश निकालने के लिए दूसरे व्यक्ति के खिलाफ झूठी शिकायत दे देते हैं जिससे पुलिस का वक्त और संसाधन बर्बाद होते हैं। कोर्ट में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को 6 महीने की सजा या एक हजार रुपये का जुर्माना अथवा दोनों एक साथ की जा सकती है।