Friday, Sep 12, 2025

पंजाब सरकार डल्लेवाल की स्वास्थ्य जांच कराए, इरोम शर्मिला भी चिकित्सकीय निगरानी में थीं: उच्चतम न्यायालय


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नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को पंजाब सरकार से कहा कि वह अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे 70 वर्षीय किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को स्वास्थ्य जांच के लिए राजी करे। न्यायालय ने उल्लेख किया कि इरोम शर्मिला ने भी चिकित्सकीय निगरानी में अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा था। शीर्ष अदालत ने पंजाब-हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे डल्लेवाल का चिकित्सकीय परीक्षण नहीं कराने पर पंजाब सरकार को फटकार लगाई। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि कोई भी किसानों को विरोध प्रदर्शन से डिगाने की कोशिश नहीं कर रहा है और अदालत केवल  जन नेता  डल्लेवाल की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहती है। न्यायमूर्ति भुइयां ने कहा,  नागरिक अधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला का मामला लें, उन्होंने चिकित्सकीय देखरेख में वर्षों तक अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा। इसी तरह, डल्लेवाल भी चिकित्सकीय देखरेख में अपना विरोध जारी रख सकते हैं।  अदालत ने बुनियादी चिकित्सा परीक्षण किए बिना ही डल्लेवाल के ठीक होने की बात कहने वाले पंजाब सरकार के चिकित्सकों के बयान का उल्लेख किया।


पीठ ने पूछा,  70 वर्षीय एक व्यक्ति जो 21 दिन से भूख हड़ताल पर है और विभिन्न बीमारियों से पीड़ित है, उसका स्वास्थ्य ठीक है? यह कैसे हो सकता है? क्या आपने उसका रक्त परीक्षण, ईसीजी परीक्षण और आवश्यक जांच कराई है?  न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा,  जब हम खुद संतुष्ट हो जाएंगे कि वह सुरक्षित हैं तो अदालत उनसे (जगजीत सिंह डल्लेवाल) बात करेगी।  किसान नेता ने कथित तौर पर पंजाब के अधिकारियों के माध्यम से कहा था कि वह व्यक्तिगत रूप से अदालत से बात करना चाहते हैं। शीर्ष अदालत ने पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह से कहा कि वह डल्लेवाल को कम से कम एक सप्ताह के लिए चिकित्सा उपचार लेने के लिए राजी करें, अन्य लोग विरोध प्रदर्शन जारी रख सकते हैं। सिंह ने डल्लेवाल को समझाने और उनकी कुशलक्षेम सुनिश्चित करने के लिए उन्हें अदालत की भावनाओं से अवगत कराने के वास्ते एक दिन का समय मांगा। पीठ ने मामले को 20 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया। डल्लेवाल फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित आंदोलनकारी किसानों की अन्य मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के वास्ते 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं। सुरक्षाबलों द्वारा दिल्ली में प्रवेश से रोके जाने के बाद से किसान संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू तथा खनौरी बार्डर पर डेरा डाले हुए हैं।

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Vinita Kohli

पंजाब सरकार डल्लेवाल की स्वास्थ्य जांच कराए, इरोम शर्मिला भी चिकित्सकीय निगरानी में थीं: उच्चतम न्यायालय

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