- by Super Admin
- Jul, 15, 2024 06:28
धर्म, जगमार्ग न्यूज़ डेस्क: विश्व का सबसे बड़ा कुंभ, महाकुंभ आज से ठीक तीन बाद यानी 13 जनवरी से शुरु होने जा रहा है जिसका समापन 26 फरवरी को है। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि इस बार यह महाकुंभ उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होने वाला है, जिसकी तैयारी यूपी सरकार काफी जोरों-शोरों से कर रही है। महाकुंभ का आयोजन 12 साल के अंतराल में प्रयागराज, उज्जैन, हरिद्वार व नासिक में होता है। इस बार महाकुंभ मेले का आयोजन सुरक्षा-व्यवस्था को काफी ध्यान में रखकर किया जा रहा है, ताकि भक्तों को कोई परेशानी ना हो। हिंदू धर्म में महाकुंभ मेले को काफी पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में महाकुंभ को लेकर यह मान्यता है कि अगर कोई इस दौरान गंगा में स्नान करता है तो उसके सारे पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष प्राप्त होता है। इस दौरान महाकुंभ में छह शाही स्नान आयोजित होते है। आइए फिर आपको बताते हैं कि कब-कब होंगे यह छह शाही स्नान और महाकुंभ के क्या शुभ संयोग।
महाकुंभ के छह शाही स्नान
पहला शाही स्नान- महाकुंभ मेला का पहला शाही स्नान 13 जनवरी 2025 को होगा।
दूसरा शाही स्नान- महाकुंभ मेला का दूसरा शाही स्नान 14 जनवरी 2025 मकर संक्रांति को होगा।
तीसरा शाही स्नान- महाकुंभ मेला का तीसरा शाही स्नान 29 जनवरी 2025 मौनी अमावस्या को होगा।
चौथा शाही स्नान- महाकुंभ मेला का चौथा शाही स्नान 2 फरवरी 2025 को बसंत पंचमी पर होगा।
पांचवां शाही स्नान- महाकुंभ मेला का पांचवां शाही स्नान 12 फरवरी 2025 को माघ पूर्णिमा पर होगा।
छठा शाही स्नान- महाकुंभ मेला का छठा और अंतिम शाही स्नान 26 फरवरी 2025 महाशिवरात्रि को होगा।
महाकुंभ मेले पर बनेगा ये शुभ संयोग
साल 2025 के महाकुंभ मेले पर रवि योग का निर्माण होने जा रहा है। इस दिन इस योग का निर्माण सुबह 7 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा और सुबह 10 बजकर 38 मिनट इसका समाप्त होगा। बता दें कि इसी दिन भद्रावास योग का भी संयोग बन रहा है और इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है।