Wednesday, Dec 3, 2025

सरस्वती की उद्गम स्थली आदिबद्री पर बनेगा बांध : बैराज, जलाशय और जल निकायों में होगा जल संचय


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चंडीगढ़ : हिमाचल प्रदेश और हरियाणा की सीमा पर सरस्वती की उद्गम स्थली आदिबद्री में बांध बनाकर जल संचय किया जाएगा। हिमाचल और हरियाणा सरकार के बीच बांध बनाने को लेकर समझौता हो चुका है। एचपीपीसीएल इस परियोजना के कार्यकारी एजेंसी का जिम्मा सौंपा गया है। सरस्वती नदी में बांध, बैराज, जलाशय और जल निकायों के जरिये 20 क्यूसिक स्वच्छ पानी प्रवाहित होगा। सरकार की ओर से इसकी रूपरेखा तैयार की चुकी है। सरस्वती की उद्गम स्थली आदिबद्री से लेकर पिहोवा तक पूरे वर्ष नियमित रूप से 20 क्यूसिक पानी छाड़ने का लक्ष्य रखा गया है। सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने कांग्रेस विधायक मनदीप चट्‌ठा के अतांराकित सवाल का जवाब देते हुए बताया कि पिहोवा में सरस्वती नदी में पानी का जमाव नहीं है। 


सरस्वती नदी इस क्षेत्र में उपलब्ध एक मात्र जल निकासी प्रणाली है। विभिन्न गांवों और कस्बों का सभी उपचारित-अनुपचारित अपशिष्ट जल सरस्वती में डाला जाता है। इन बिंदुओं की पहचान की गई है और सरस्वती नदी में कोई अनुपचारित अपशिष्ट न छोड़ा जाए, इसको लेकर शाहाबाद में एक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, कुरुक्षेत्र में 2 और पिहोवा में एक प्लांट का निर्माण किया गया है। इसके साथ ही, खेड़ी मारकंडा में एक अतिरिक्त एसटीपी का निर्माण भी प्रक्रिया में चल रहा है। पंचायती राज विभाग द्वारा विभिन्न गांवों में पांच तालाब और तीन तालाब प्रणाली का निर्माण किया गया है। यही नहीं, सरस्वती नदी में उद्योगों के अनुपचारित अपशिष्ट जल को रोक दिया गया है। आदिबद्री से घग्गर नदी में इसके उद्गम तक सरस्वती नदी की स्थिति सुधारने के लिए बांध, बैराज, जलाशय, जल निकायों का निर्माण और चैनलों को आपस में जोड़ने की योजना तैयार की जा चुकी है।



कांग्रेस विधायक ने सरस्वती नदी में ताजा पानी छोड़ने पर मांगा जवाब

पिहोवा से कांग्रेस विधायक मनदीप चट्‌ठा ने पिहोवा से बहने वाली सरस्वती नदी की स्थिति, इसमें जल के स्थिर खड़ा रहने के कारण दुर्गंध व गंदगी फैलने का मुद्दा उठाते हुए सिंचाई मंत्री से जवाब मांगा कि सरस्वती नदी में ताजा पानी छोड़ने को लेकर सरकार की क्या योजना है। सरकार की ओर से बरसाती पानी के जल संचय को लेकर तीन गांवों की 325 एकड़ भूमि पर सरस्वती जलाशय बनाया जाएगा। सरस्वती जलाशय निर्माण रामपुर हेरियन, रामपुर कंबोयान और चलौर गांव की संयुक्त पंचायत भूमि पर प्रस्तावित है। जलाशय की भंडारण क्षमता 1405 हेक्टेयर-मीटर है। जलाशय की गहराई 22 मीटर है और इस पर काम शुरू हो चुका है।



आदिबद्री बांध की होगी 224 हेक्टेयर मीटर भंडारण क्षमता

सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने बताया कि हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की सीमा में सोम नदी पर आदिबद्री बांध बनाया जाएगा। बांध की भंडारण क्षमता 224 हेक्टेयर मीटर है। बांध की ऊंचाई शिखा स्तर 20.5 मीटर ऊपर हैद्व शीर्ष चौड़ाई 8.0 मीटर है और लंबाई 101.06 मीटर है। हिमाचल और हरियाणा सरकार के बीच 21 जनवरी 2022 को इस पर एमओयू हो चुका है। वहीं  सोम-सरस्वती नदी बैराज का निर्माण आदिबद्री से 2.25 किलोमीटर नीचे गांव कठगढ़ में प्रस्तावित है। बैराज की भंडारण क्षमता 45 हेक्टेयर मीटर है। बैराज के डिजाइन और ड्राइंग के साथ पूरी परियोजना बनाने का काम चल रहा है।



यमुनानगर जिले के चार खंडों में 70 एकड़ भूमि का होगा अधिग्रहण

सरस्वती नदी के निरंतर प्रवाह को बनाने के लिए यमुनानगर जिले के चार खंडों में सरकार की ओर से 70 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा जाएगा। भूमि के लिए इंडेट ई-भूमि पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। इसके साथ ही भूमिगत पाइप लाइन सोम सरस्वती बैराज से सरस्वती जलाशय तक पानी ले  जाया जाएगा। पाइप लाइन की लंबाई 7.5 किलोमीटर होगी।



कुरुक्षेत्र के तीन गांवों में बनेंगे सरस्वती सरोवर

कुरुक्षेत्र के तीन गांवों में जल निकाय (सरस्वती सरोवर) बनाए जाएंगे। रामपुरा, बोहली, मरचेहड़ी में बरसात के मौसम में सरस्वती नदी के अतिरिक्त प्रवाह से भरा जाएगा। वहीं पाइप लाइन के जरिये सरस्वती नदी को कैंथला आपूर्ति चैनल स जोड़ने की परियोजना भी प्रस्तावित है। सरस्वती तीर्थ पिहोवा में ताजे पानी की व्यवस्था नरवाना ब्रांच से 700 मिमी व्यास की आरसीसी एनपी, तीन पाइपलाइन के जरिये की गई है। 

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Vinita Kohli

सरस्वती की उद्गम स्थली आदिबद्री पर बनेगा बांध : बैराज, जलाशय और जल निकायों में होगा जल संचय

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