- by Vinita Kohli
- Jan, 01, 2025 04:21
अंबाला: अंबाला के मंडलायुक्त संजीव वर्मा ने 13 सितंबर 2023 के तत्कालीन मंडलायुक्त रेणु फुलिया द्वारा पारित उस अर्ध-न्यायिक आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें पंचकूला के पास 14 एकड़ जमीन की खरीद-फरोख्त पर लगी 20 साल पुरानी रोक हटा दी गई थी। सितंबर 2023 के आदेश में पंचकूला के पास एक जमीन की खरीद-फरोख्त पर 2003 में पंचकूला के कलेक्टर (कृषि संबंधी मामलों) द्वारा लगाई गई रोक को हटा दिया गया था। यह जमीन पहले एक राजा की थी। आरोप लगाया गया था कि उस समय की मंडलायुक्त फुलिया के रिश्तेदार उस जमीन का एक हिस्सा खरीदने वाले थे। यह भी कहा गया था कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी उनके पति और बेटा पहले ही उस जमीन के एक हिस्से को खरीदने के लिए समझौता कर चुके थे। हालांकि, बाद में पंचकूला के राजस्व अधिकारियों द्वारा विसंगतियों का पता चलने के बाद इसे रोक दिया गया था। यह आरोप भी लगाया गया था कि रेणु फुलिया ने एक पूर्व आईएएस अधिकारी के भाई द्वारा दायर याचिका पर सिर्फ दो हफ्तों में फैसला सुना दिया था।
इस याचिकाकर्ता ने पंचकूला के राजस्व अधिकारियों से लगभग 12 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए संपर्क किया था। संजीव वर्मा ने अपने 19 अगस्त के आदेश में रेणु फुलिया के फैसले को वापस ले लिया। वर्मा ने अपने आदेश में कहा, जमीन के संभावित खरीदार तत्कालीन पीठासीन अधिकारी के पति (अब सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी एस.एस. फुलिया) और बेटा थे, जो स्पष्ट रूप से साबित करता है कि 13 सितंबर 2023 का यह आदेश उन्होंने व्यक्तिगत लाभ के लिए दिया था। उन्होंने कहा, यह भी पाया गया कि उस समय की अधिकारी का इस मामले में निजी हित था, क्योंकि उस जमीन को खरीदने को लेकर पहले ही उनके पति और बेटे के बीच समझौता हो चुका था। यह मामला पंचकूला के बीड फिरोजड़ी गांव की जमीन से जुड़ा था, जो कभी एक पूर्व राजा के वारिसों की थी। वर्मा की अदालत ने पंचकूला के कलेक्टर (कृषि) के उस आवेदन पर कार्रवाई की थी, जिसमें फुलिया के सितंबर 2023 के आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया गया था।