- by Vinita Kohli
- Jan, 01, 2025 04:21
 
                            
चंडीगढ़ : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार 24 फसलों पर एमएसपी देने का दावा करती है, जबकि मंडियों में किसान की मक्का और सूरजमुखी एमएसपी से कम रेट पर बिक रही है। कुरुक्षेत्र, अंबाला, करनाल, कैथल और आसपास के क्षेत्रों की मंडियों में दोनों फसलों की आवक जोरों पर है। किसानों को 2400 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी की बजाए मक्का का सिर्फ 1000 से 1400 रुपये ही रेट मिल रहा है। पूरी तरह सूख चुकी फसल का रेट भी ज्यादा से ज्यादा 1800 रुपये ही मिल रहा है। इसी तरह कागजों में सूरजमुखी की 7280 रुपये है, लेकिन किसानों को बमुश्किल 6400 रुपये भाव मिल पा रहा है। यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि सरकारी खरीद नहीं हो रही है। खुद खरीद करने की बजाय सरकार ने जानबूझकर किसानों को प्राइवेट एजेंसियों के हवाले कर दिया।
अब एजेंसियां मनमाने रेट पर फसल खरीद रही हैं और प्रति क्विंटल किसानों को 500 से 1000 रुपये का घाटा हो रहा है। हुड्डा ने कहा है कि भाजपा सरकार सत्ता में आने के बाद से न सिर्फ मक्की व सूरजमुखी, बल्कि धान, गेहूं समेत तमाम फसलों की एमएसपी के लिए किसान तरस रहे हैं। इस सरकार ने तो बाकायदा कानून लाकर एमएसपी को खत्म करने की भी प्लानिंग कर ली थी। लेकिन किसान आंदोलन के चलते उसे कानून वापिस लेने पड़े। लेकिन अब सरकार अप्रत्यक्ष तरीके से अपने मंसूबों को अंजाम दे रही है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि सरकार द्वारा लगातार किसानों पर दबाव बनाया जाता है कि धान छोड़कर मक्का की खेती करो। इसके लिए हर साल प्रोत्साहन राशि का भी ऐलान किया जाता है। लेकिन हर बार किसानों को धोखा ही हाथ लगता है। ना उन्हें प्रोत्साहन राशि मिल पाती है और ना ही एमएसपी। हरियाणा में बीजेपी सरकार उन फसलों की एम एस पी दे रही है केवल कागज़ों और भाषणों में जो हरियाणा में पैदा ही नही होती।