- by Vinita Kohli
- Jan, 01, 2025 04:21
 
                            
चंडीगढ़ : प्रदेश में भीषण गरमी के चलते बिजली डिमांड पीक पर पहुंच गई है। गरमी के सीजन में शुक्रवार सीजन का सबसे गरम दिन रहा, इसी दिन बिजली की डिमांड 13452 मेगावाट पर पहुंच गई, जोकि अब तक सबसे ज्यादा दर्ज की गई है। प्रदेश में बिजली की बढ़ती डिमांड को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा वैकल्पिक प्रबंध किए जा रहे हैं। प्रदेश में बढ़ते तापमान और कूलिंग उपकरणों के लगातार उपयोग से बिजली की डिमांड पीक पर पहुंच गई है। भीषण गरमी से बचने के लिए आमजन एसी, कूलर, पंखों का सहारा ले रहे हैं, जिसके चलते न केवल डिमांड बढ़ी है, बल्कि बिजली कटों का भी सामना करना पड़ रहा है। दिन और रात्रि में तापमान बढ़ोतरी होने के चलते बिजली की डिमांड में लगातार बढ़ोतरी हो रहे है। अभी गरमी के सीजन में 13 जून को 13452 मेगावाट बिजली की डिमांड दर्ज की गई है, जोकि सबसे पीक डिमांड मानी जा रही है। बिजली की पीक डिमांड को देखते हुए सरकार की ओर से बिजली की आपूर्ति सुचारू रूप से हो, इसको लेकर अधिकारियों की जवाबदेही तय की गई है। बाकायदा ऊर्जा मंत्री अनिल विज की ओर से अधिकारियों को स्पष्ट हिदायत दी गई है कि बिजली कट लगने की एसई द्वारा रोजाना उन्हें रिपोर्ट भेजी जाएगी। रिपोर्ट में अधीक्षक अभियंता (एसई) को स्पष्ट उल्लेख करना होगा उनके क्षेत्र में कितने घंटे बिजली की आपूर्ति नहीं हुई और आपूर्ति न होने के कारणों को भी बताना होगा।
ट्रांसफार्मर बैंक की वैकल्पिक व्यवस्था
सरकार द्वारा गरमी का सीजन शुरू होते ही निर्बाध बिजली आपूर्ति को लेकर सभी सर्कल में ट्रांसफार्मर बैंक बनाए गए हैं, ताकि ट्रांसफार्मर के संबंध में किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न हो। बिजली मंत्री की ओर से अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि ट्रांसफार्मर बदलने के लिए गाड़ी व स्टाफ की पूरी व्यवस्था की जाए। यदि कोई अधिकारी व कर्मचारी इस संबंध में कोई चूक करता है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
16 हजार मेगावाट बिजली की व्यवस्था
बिजली मंत्री अनिल विज के मुताबिक हरियाणा में बिजली आपूर्ति को लेकर किसी भी प्रकार से कोई दिक्कत नहीं हैं। बिजली की आपूर्ति को लेकर सरकार की खुद की जनरेशन है और बिजली लेने के लिए लंबे समयावधि के समझौते भी हरियाणा के ऊर्जा विभाग ने किए हुए है। हरियाणा में अधिकतम 16 हजार मेगावाट बिजली की आवश्यकता पडती है और 16 हजार मेगावाट बिजली आपूर्ति करने की पूरी व्यवस्था की हुई है।
पीक डिमांड के साथ कटों का भी करना पड़ा सामना
प्रदेश में पारा 45 डिग्री सेल्सियस पार होने के चलते बिजली की डिमांड पीक पर पहुंच गई। गर्मी के कारण एसी कूलर और पंखों के उपयोग से बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई। कई जिलों में ट्रांसफॉर्मर और फीडर ओवरहीट हो गए। कई जिलों में ओवरलोडिंग की स्थिति बनने के कारण बिजली की आपूर्ति को थोड़े-थोड़े समय के लिए रोका गया, जिसके कारण लोगों को अघोषित कटों का सामना करना पड़ा। हालांकि, यह अघोषित कट ट्रांसफार्मर और फीडर को कूल डाउन करने के लिए लगाए गए थे, ताकि बड़े स्तर पर फॉल्ट न हो।