- by Tanya Chand
- Jan, 01, 2025 04:09
नई दिल्ली : केंद्रीय ऊर्जा, आवासन एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि विकसित भारत विजन के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है। रिन्यूएबल ऊर्जा उत्पादन के साथ ऊर्जा स्टोरेज परियोजनाएं भी तैयार की जा रही हैं। इसी कड़ी में उत्तराखंड के टिहरी में देश की पहली वेरिएबल स्पीड पम्प्ड स्टोरेज प्लांट की इकाई की शुरुआत हुई है। केंद्रीय मंत्री ने नई दिल्ली ऊर्जा मंत्रालय से वर्चुअल तौर पर टिहरी में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड द्वारा विकसित भारत के पहले वेरिएबल स्पीड पम्प्ड स्टोरेज पलांट की पहली इकाई का शुभारंभ किया। यह इकाई देश में ऊर्जा स्टोरेज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह परियोजना न केवल स्वच्छ ऊर्जा भंडारण को बढ़ावा देगी, बल्कि ग्रिड की स्थिरता सुनिश्चित करने में भी अहम भूमिका निभाएगी। भारत के लिए विद्युत क्षेत्र में यह गौरव का क्षण है।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड द्वारा 1000 मेगावाट पीएसपी की पहली इकाई तैयार की गई है। यह परियोजना 1000 मेगावाट की क्षमता वाली चार वेरिएबल स्पीड टरबाइन यूनिट के साथ ग्रिड स्थिरता को मजबूत करेगी और नवीकरणीय ऊर्जा के बेहतर एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पीएसपी की पहली इकाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत विजन को गति देने में मील का पत्थर साबित होगी। यही नहीं, भारत की ऊर्जा परिवर्तन यात्रा में यह एक और ऐतिहासिक उपलब्धि है। टिहरी पीएसडी न केवल देश का पहला वैरिएबल स्पीड पंप स्टोरेज प्लांट है, बल्कि किसी भी केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई) द्वारा विकसित सबसे बड़ा प्लांट भी है। यह परियोजना स्वच्छ ऊर्जा भंडारण समाधानों को सक्षम करने और अधिक ग्रिड स्थिरता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। हरित विकास और ऊर्जा सुरक्षा में टीएचडीसी का सबसे बड़ा योगदान है।
शहरी विकास परियोजनाओं की समीक्षा
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने शहरी विकास राज्य मंत्री तोखन साहू के साथ अमरुत, पीएमएवाई, पीएम-ईबस सेवा, स्वच्छ भारत मिशन और पीएम स्वनिधि सहित प्रमुख शहरी विकास परियोजनाओं की प्रगति के मूल्यांकन की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को समयबद्ध अवधि में परियोजनाओं को पूरा करने के निर्देश दिए। वहीं केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों को बारीकी से निगरानी के लिए राज्यवार प्रगति रिपोर्ट तैयार करने और शहरी विकास की गति को तेज करने के लिए देरी का सामना कर रहे राज्यों को लक्षित सहायता प्रदान करने की हिदायत दी।