- by Vinita Kohli
- Nov, 04, 2025 10:54
अंबाला: डीएवी विद्यालय में साहिबज़ादों की शहादत को नमन करते हुए अत्यंत गरिमामय एवं भावनात्मक वातावरण में वीर बाल दिवस मनाया गया। यह चार दिवसीय आयोजन विद्यार्थियों में धर्म, देश और त्याग की भावना को जागृत करने की दिशा में एक सार्थक प्रयास सिद्ध हुआ। इस अवसर पर विद्यालय के माध्यमिक स्तर तक के सभी विद्यार्थियों को श्री गुरु गोविंद सिंह जी के प्रेरणादायक जीवन पर आधारित एक ज्ञानवर्धक डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई गई। फिल्म के माध्यम से विद्यार्थियों को गुरु परंपरा, बलिदान, साहस और राष्ट्रधर्म की महत्ता से परिचित कराया गया, जिससे बाल मन श्रद्धा और गौरव से भर उठा।विद्यालय के कक्षा सातवीं के विद्यार्थियों को भारत मंडपम, नई दिल्ली से प्रसारित वीर बाल दिवस के राष्ट्रीय कार्यक्रम का लाइव प्रसारण दिखाया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ओजस्वी एवं प्रेरणादायक संबोधन सुना।
प्रधानमंत्री के शब्दों ने विद्यार्थियों के भीतर राष्ट्रभक्ति की भावना को और अधिक प्रखर किया। इसी क्रम में विद्यालय की प्रार्थना सभा के दौरान साहिबज़ादों की शहादत पर आधारित एक प्रभावशाली प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की गई, प्रश्नोत्तरी का संचालन करते हुए गौरी वन्दना एवं अपिन्दर कौर ने प्रश्नों के साथ-साथ उनसे जुड़ी ऐतिहासिक कथाओं और प्रसंगों का भी उल्लेख किया। उन्होंने विद्यार्थियों को साहिबज़ादों की शहादत से जुड़े प्रेरक प्रसंग सुनाकर इतिहास की कुर्बानियों से भावनात्मक रूप से जोड़ा। प्रश्नोत्तरी के दौरान विद्यालय का सम्पूर्ण वातावरण फौजी तेज, देशभक्ति और गर्व से ओत-प्रोत दिखाई दिया। विद्यार्थियों ने अत्यंत उत्साह और जागरूकता के साथ प्रश्नों के उत्तर देकर इतिहास के प्रति अपनी समझ का परिचय दिया।
आशा फाउंडेशन द्वारा आयोजित वीर बाल दिवस भाषण प्रतियोगिता में विद्यालय के होनहार विद्यार्थी एकसप्रीत ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए द्वितीय स्थान प्राप्त कर विद्यालय का नाम गौरवान्वित किया। प्राचार्य डॉ. राधा रमण सूरी ने इस संपूर्ण आयोजन में विशेष रुचि प्रकट करते हुए प्री-प्राइमरी विभाग के बाहर साहिबज़ादों की स्मृति में कढ़ी-चावल के लंगर की व्यवस्था करवाई। इस अवसर पर उन्होंने साहिबज़ादों की शहादत के प्रति अपनी गहन श्रद्धा व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने यह भी कामना की कि विद्यालय के विद्यार्थियों के भीतर अपने धर्म और देश के प्रति त्याग, समर्पण और सेवा की भावना सदैव बनी रहे। इस भाव के साथ विद्यालय परिसर में अरदास भी की गई। समग्र रूप से यह चार दिवसीय आयोजन न केवल एक स्मरण कार्यक्रम रहा, बल्कि विद्यार्थियों के मन-मस्तिष्क में बलिदान, साहस और राष्ट्रप्रेम के बीज बोने वाला एक सशक्त प्रयास सिद्ध हुआ।