- by Vinita Kohli
- Jan, 02, 2025 05:50
चंडीगढ़ : चंडीगढ़ पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने एक बड़े ऑनलाइन निवेश धोखाधड़ी मामले का पर्दाफाश करते हुए पाँच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई 17 अप्रैल को दर्ज एक एफआईआर के तहत भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं 318(4), 319(2), 338, 336(3), 340(2) एवं 61(2) के अंतर्गत की गई थी, जिसमें चंडीगढ़ के सेक्टर 35 निवासी अशोक कुमार से 56.26 लाख रुपये की ठगी की गई थी। आरोपी एक फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म "आईबीकेआर (इंटरैक्टिव ब्रोकर)" के माध्यम से निवेश के नाम पर लोगों को लुभाकर पैसे ठगते थे। इस ऑपरेशन को साइबर क्राइम की एसपी गीतांजलि खंडेलवाल, डीएसपी ए. वेंकटेश और इंस्पेक्टर एराम रिज़वी के नेतृत्व में अंजाम दिया गया। गहन तकनीकी प्रयासों के बाद, एक हफ्ते के भीतर पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर तीन दिन का पुलिस रिमांड प्राप्त किया गया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में राजस्थान के जयपुर और सवाई माधोपुर जिले के निवासी शामिल हैं। इनकी पहचान मुकेश कुमार गुर्जर, रामजी लाल मीणा, विजय कुमार योगी, आदित्य कुमार जैन और तनिष्क मरमट उर्फ हनी के रूप में हुई है।
मुख्य आरोपी मुकेश ने बताया कि उसने यह बैंक खाता अपने गांव के पास स्थित एक व्यक्ति काला राम गुर्जर के कहने पर खोला था, जो इस घोटाले में अहम भूमिका निभा सकता है। रामजी लाल ने पूछताछ में बताया कि वह इस नेटवर्क को बैंक किट और सिम कार्ड मुहैया कराता था, जबकि अन्य आरोपियों ने पीड़ित के पैसे को मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए म्यूल खातों में ट्रांसफर किया। जांच में यह भी सामने आया है कि यह गिरोह पूरे भारत में फैले एक साइबर अपराध नेटवर्क का हिस्सा है, जिसकी जड़ें राजस्थान, गुजरात से लेकर दुबई तक फैली हुई हैं। राजकोट साइबर पुलिस द्वारा पहले ही एक सहयोगी रूपरेश शर्मा को गिरफ्तार किया जा चुका है। अन्य आरोपी साहिल, गोकुल और काला राम गुर्जर अभी फरार हैं और उनकी तलाश जारी है। आरोपियों के मोबाइल जब्त कर जांच की जा रही है और जानकारी गृह मंत्रालय के आई4सी पोर्टल को भेजी जा रही है। चंडीगढ़ पुलिस ने आम जनता को सावधान करते हुए अपील की है कि अनजान निवेश प्लेटफॉर्म से दूर रहें, अनजान लिंक पर क्लिक न करें और किसी भी अज्ञात व्यक्ति के साथ अपने बैंक डिटेल्स साझा न करें। यदि किसी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत पुलिस या राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) पर रिपोर्ट करें।